जम्मू कश्मीर विधानसभा में पहलगाम हमले की निंदा को लेकर प्रस्ताव पेश
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Attack) में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले को लेकर विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया गया है। इस दौरान आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सदन में प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार के उन कदमों का समर्थन किया गया जो 23 अप्रैल को सुरक्षा को लेकर कैबिनेट मीटिंग में लिए गए थे।
विधानसभा ने पहलगाम में आतंकवादी हमले पर दुख व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया गया और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और कश्मीर की प्रगति में बाधा डालने के नापाक इरादों को हराने के लिए दृढ़ता से लड़ने का संकल्प लिया गया। पहलगाम हमलों में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने यह प्रस्ताव पेश किया।
विधानसभा सत्र की शुरुआत पहलगाम त्रासदी में मारे गए लोगों को मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। प्रस्ताव में कहा गया है, जम्मू कश्मीर विधानसभा अपने सभी नागरिकों के लिए शांति, विकास और समावेशी समृद्धि का माहौल बनाने और राष्ट्र तथा जम्मू कश्मीर के सांप्रदायिक सद्भाव और प्रगति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के नापाक इरादों को दृढ़ता से हराने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, यह सदन इस जघन्य, कायरतापूर्ण कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई। आतंक के ऐसे कृत्य कश्मीरियत के मूल्यों, हमारे संविधान में निहित मूल्यों और एकता, शांति तथा सद्भाव की भावना पर सीधा हमला हैं, जो लंबे समय से जम्मू कश्मीर और हमारे राष्ट्र की विशेषता रही है। दस्तावेज में कहा गया है कि यह सदन पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है। हम उन लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्हें अपूरणीय क्षति हुई है और उनके दुख को साझा करने तथा उनकी जरूरत की घड़ी में उनका समर्थन करने का संकल्प लेते हैं।
सदन में पेश प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि पहलगाम में हमले के दौरान पर्यटकों को बचाने में खच्चर संचालक सैयद आदिल हुसैन शाह ने अपनी जान गंवा दी थी। हम उन्हें भी श्रदांजलि देते हैं। प्रस्ताव में कहा है कि ‘‘उनका साहस और निस्वार्थ सेवा कश्मीर की सच्ची भावना को दर्शाता है और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरणा देता है। यह सदन हमले के बाद कश्मीर और जम्मू के लोगों की ओर से दिखाई गई असाधारण एकता, करुणा और दृढ़ता की सराहना करता है।
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यह सदन इस हमले के पीड़ितों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने के पीछे की भयावह साजिश के प्रति सजग है। यह समाज के सभी वर्गों और मीडिया से अपील करता है कि वे भावनाओं को भड़काकर इस साजिश का शिकार न बनें। उसने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वहां रहने वाले या वहां यात्रा करने वाले कश्मीर के छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके उत्पीड़न, भेदभाव या धमकी को रोकने के लिए एकजुट होने की अपील की।