
रेल से कश्मीर सीमा पर पहुंचे टैंक।
Indian Tanks And Artillery Guns: भारत-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध की स्थिति में दुश्मन पर कड़ा आघात करने के लिए अब भारतीय सेना के बड़े टैंक, तोपखाने एवं इंजीनियरिंग उपकरण रेल से देश के किसी भी हिस्से से जल्द कश्मीर पहुंच जाएंगे। गर्मी, सर्दी, बरसात में अब सीमाओं की ओर बढ़ते सेना के कदम मौसम की चुनौतियों के कारण नहीं थमेंगे। भावी युद्धों का सामना करने की तैयारियों के बीच सेना के भारी तोपों, टैंकों एवं वाहनों को रेल से कश्मीर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
देश की उत्तरी सीमाओं पर अपनी रणनीतिक और लॉजिस्टिक क्षमताओं को और मजबूत करते हुए सेना ने विजय दिवस के दिन स्पेशल स्पेशल ट्रेन से टैंक और आर्टिलरी गन, टैंकों, भारी तोपखाने, वाहनों, इंजीनियरिंग उपकरणों को जम्मू से कश्मीर घाटी के अनंतनाग तक पहुंचाया। यह कदम सीमाओं की रक्षा के लिए सेना की ओर से त्वरित तैनाती और आधुनिक लॉजिस्टिक व्यवस्था का बड़ा उदाहरण है।
सड़क से सेना के साजो-सामान को बड़े वाहनों से अन्य राज्यों से होते हुए कश्मीर तक पहुंचाने में कई दिन लगते थे। यही नहीं खासी मेहनत भी करनी पड़ती थी। सड़क मार्ग पर भारी ट्रैफिक के बीच से सेना के बड़े टैंकों और तोपों को मंजिल तक पहुंचाना बड़ी समस्या होता था। सेना के बड़े काफिलों की सड़क पर मूवमेंट के चलते सुरक्षा प्रबंध करने में खासी मेहनत करनी पड़ती थी। अब उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक से सैन्य सामान का कश्मीर पहुंचाना बड़ी रणनीतिक उपलब्धि है। अब रेल से कश्मीर तक पहुंचने वाले टैंक व तोपों जल्द कश्मीर, कारगिल और लेह में सीमाओं तक पहुंचेंगी। सीमा क्षेत्र में नई सड़कें, पुल बनने से सैन्य क्षमता में वृद्धि हुई है। अब रेल से सेना के सामान के कश्मीर तक पहुंचना बड़ी रणनीतिक उपलब्धि है।
सेना का साजो-सामान रेलगाड़ी से कश्मीर पहुंचाने वाले ट्रायल के दौरान टैंक, आर्टिलरी गन, डोजर जैसे भारी सैन्य सामानों को रेल से सुरक्षित रूप से भेजा गया। इस प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया कि अब किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए भारतीय सेना कम समय में भारी सैन्य संसाधनों को कश्मीर घाटी या लद्दाख तक पहुंचा देगी। इससे सेना की प्रतिक्रिया क्षमता कई गुना बढ़ेगी। किसी आकस्मिक स्थिति में सेना की त्वरित लाजिस्टिक बिल्डअप क्षमता राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी।
यह भी पढ़ें: INDIA के T-90 को टक्कर देने आ रहा ड्रैगन का नया टैंक, भारत-चीन सीमा पर तैनाती की तैयारी
पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल सुनीत बर्तवाल का कहना है कि रेल से सामान के कश्मीर पहुंचने से भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता को बल मिला है। अब हर मौसम में सेना के सामान के साथ सैनिकों को जल्द कश्मीर तक पहुंचाना संभव होगा। कई बार मौसम की चुनौतियों के कारण सड़क मार्ग से साजो-सामान भेजने में दिक्कतें होती थी, जो अब नहीं होगी।






