
भूकंप। इमेज-सांकेतिक, सोशल मीडिया
Earthquake News: लेह-लद्दाख से लेकर अंडमान समुद्र तक अलग-अलग केंद्रों में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (NCS) के अनुसार सभी भूकंप हल्के से मध्यम तीव्रता के रहे। NCS के अनुसार सुबह 3 बजकर 38 मिनट पर बंगाल की खाड़ी में 4.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसके बाद सुबह 4 बजकर 11 मिनट पर उखरुल, मणिपुर में 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। फिर सुबह 4 बजकर 31 मिनट पर लेह लद्दाख, 3.7 की तीव्रता के भूकंप का केंद्र रहा।
अब तक किसी भी जगह से जानमाल की हानि या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं आई है। इसके अलावा बुधवार की रात को 12 बजकर 18 मिनट पर अंडमान समुद्र में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
लद्दाख के लेह में आज तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) का कहना है कि यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 3.7 तीव्रता का था। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। NCS ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि भूकंप सुबह करीब 4:31 बजे दर्ज किया गया। बता दें कि लेह भूकंप जोन-4 में स्थित है। यहां मध्यम से गंभीर भूकंपों का खतरा बना रहता है। इस साल अब तक लद्दाख में 4.0 से अधिक तीव्रता वाले पांच भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें मार्च में आया 5.1 तीव्रता का भूकंप सबसे शक्तिशाली रहा।
मणिपुर राज्य के उखरुल जिले में भी असज को रिक्टर स्केल पर 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार सुबह 4:11 बजे यह झटका महसूस किया गया। NCS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र तल से 40 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। गौरतलब है कि नए भूकंपीय नक्शे के अनुसार मणिपुर भूकंप जोन-6 में आता है, जहां मध्यम से गंभीर भूकंपों का खतरा बना रहता है। इसके अतिरिक्त सुबह 3:38 बजे बंगाल की खाड़ी में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। आधी रात को 12:18 बजे अंडमान समुद्र में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ है।
EQ of M: 3.7, On: 11/12/2025 04:31:36 IST, Lat: 35.92 N, Long: 75.23 E, Depth: 10 Km, Location: Leh Ladakh, Ladakh.
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दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप जापान में आते हैं। इसकी मुख्य वजह प्लेट टेक्टोनिक्स है। यह रिंग ऑफ फायर नाम के क्षेत्र में है। यहां कई विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स जैसे-प्रशांत प्लेट, यूरेशियन प्लेट, फिलीपीन प्लेट आपस में टकराती हैं। ये एक-दूसरे के नीचे खिसकती या रगड़ खाती हैं। इससे पृथ्वी के अंदर तनाव जमा होता है और अचानक ऊर्जा निकलने पर भूकंप आते हैं।






