श्रीनगर में लहराए गए ईरान-फिलिस्तीन समर्थित झंडे (फोटो- सोशल मीडिया)
श्रीनगर: मोहर्रम के पाक महीने में, देशभर में मुसलमान जुलूस निकाल रहे हैं। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शिया मुसलमानों ने ताजिया के साथ जुलूस निकाला, जो अब विवादों के घेरे में आ गया है। इस जुलूस के दौरान, कुछ लोग ईरान, फिलीस्तीन और आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के झंडे लहराते हुए दिखाई दिए। इसके अलावा, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई और इजराइल के हमलों में मारे गए ईरानी कमांडर्स की तस्वीरें भी सड़कों पर लेकर प्रदर्शन किया गया।
घाटी में मुहर्रम का 8वां और 10वां दिन शिया मुसलमानों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। यह तीसरा साल है कि पुलिस ने मोहर्रम के लिए जुलूस निकालने की इजाजत दी थी। शुक्रवार को जुलूस गुरु बाजार से शुरू हुआ और जहांगीर चौक, मौलाना आजाद रोड होते हुए डलगेट तक पहुंचा। प्रशासन ने पहले ही जुलूस को लेकर समय तय कर दिया था ताकि इससे शहर में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
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कश्मीर में यह लगातार तीसरा साल है जब मुस्लिम समुदाय ने मोहर्रम का जुलूस निकाला है। इससे पहले, 1989 में प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की समस्याओं का हवाला देते हुए इन केंद्रीय मुहर्रम जुलूसों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। इसके बाद, लगभग तीन दशकों तक श्रीनगर में प्रमुख मुहर्रम जुलूसों की अनुमति नहीं दी गई, जबकि शिया बहुल क्षेत्रों जैसे जादीबल, बडगाम और मागाम में छोटे, स्थानीय जुलूसों की इजाजत दी जाती थी।
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हालांकि, सरकार ने 2019 में आर्टिकल 370 हटाने के बाद 2021 में इन जुलूसों पर लगे बैन में धीरे-धीरे ढील देनी शुरू की। इसके परिणामस्वरूप, श्रीनगर के एम.ए. रोड पर 8वें मुहर्रम जुलूस को प्रशासन की सख्त निगरानी और सुरक्षा के तहत आधिकारिक तौर पर अनुमति दी गई।
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जुलूस के दौरान प्रशासन और पुलिस ने सार्वजनिक जगहों से ईरान और हिज्बुल्लाह से जुड़े झंडे दिखाने पर आपत्ति जताई और लोगों से विवादित झंडे और पोस्ट ले लिए थे। लेकिन इसके कुछ देर बाद लोग एक बार फिर विवादित झंडे ले आए और ईरान के समर्थन में नारेबाजी भी की, जिससे विवाद बढ़ गया।