Shahabuddin Razvi: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न मनाने पर फतवा दिया है। मौलाना ने कहा है कि नए साल का जश्न मनाना नाजायज है। इस्लाम में नाच गाना, फिजूलखर्ची, फ़ुहड़बाजी, सभी चीजें नाजायज हैं। मुस्लिम लोगों को नए साल के जश्न दूरी बनाए रखनी चाहिए। नए साल क्रिश्चियन का यादगार पल है, मुसलमानों का नहीं। उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न को लेकर अपनी कड़ी राय रखी है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर की रात लोग अक्सर शोर-शराबा, नाच-गाना, पार्टी, और फिजूलखर्ची जैसे काम करते हैं। इस तरह का व्यवहार इस्लामिक शरीयत के अनुसार गलत और निषिद्ध माना जाता है।
Shahabuddin Razvi: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न मनाने पर फतवा दिया है। मौलाना ने कहा है कि नए साल का जश्न मनाना नाजायज है। इस्लाम में नाच गाना, फिजूलखर्ची, फ़ुहड़बाजी, सभी चीजें नाजायज हैं। मुस्लिम लोगों को नए साल के जश्न दूरी बनाए रखनी चाहिए। नए साल क्रिश्चियन का यादगार पल है, मुसलमानों का नहीं। उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न को लेकर अपनी कड़ी राय रखी है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर की रात लोग अक्सर शोर-शराबा, नाच-गाना, पार्टी, और फिजूलखर्ची जैसे काम करते हैं। इस तरह का व्यवहार इस्लामिक शरीयत के अनुसार गलत और निषिद्ध माना जाता है।