सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Jammu And Kashmir: एक कहावत है कि ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’, कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान का भी है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने बात की बजाय पाकिस्तान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का घूंसा जमा दिया। लेकिन ये घूंसा खाकर भी उसकी अक्ल ठिकाने नहीं आई है। मंगलवार की देर रात सीमा पर फिर उसने घुसपैठ करवाने की कोशिश की। जिसे रोकने के चक्कर में एक भारतीय जवान शहीद हो गया।
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सैन्य बलों ने नाकाम कर दिया, लेकिन इस कार्रवाई के दौरान भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच हुई भारी गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद हो गया।
सेना के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी घुसपैठियों ने 12 अगस्त की देर रात भारत में घुसने की कोशिश की। यह सामान्य घुसपैठ की कोशिश से अलग था, क्योंकि घुसपैठियों को पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी का समर्थन मिल रहा था। गोलीबारी की आड़ में घुसपैठ की ऐसी कोशिशें आमतौर पर पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की मदद से की जाती हैं। जिसे पाक आर्मी का डर्टी ट्रिक्स विभाग भी कहा जाता है।
इस गोलीबारी और घुसपैठ को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी गोली लगने से सेना का एक जवान शहीद हो गया। सेना ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया। खराब मौसम का फायदा उठाकर घुसपैठिए वहां से भाग निकले।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अटैक उरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र और 16 सिख एलआई के ज़िम्मेदारी वाले एरिया में हुआ है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह भी गोलीबारी जारी रही। यह वारदात बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान एक अन्य जवान, सिपाही बनोथ अनिल कुमार के शहीद होने के एक दिन बाद हुई है।
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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद पाकिस्तान की यह पहली बड़ी उकसावे वाली कार्रवाई है। पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों पर लक्षित हवाई हमलों और भारत की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमलों के बाद पाक डीजीएम के अनुरोध पर युद्धविराम हुआ था।