प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस के अधिकारी
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सीबीआई के अधिकारी बनकर पीड़ित से पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था। डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का एक नया चलन है, जिसमें जालसाज खुद को सीबीआई और सीमा शुल्क जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी बताते हैं। वे ऑडियो/वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को फर्जी अंतरराष्ट्रीय पार्सल या प्रतिबंधित मादक पदार्थों को लेकर पीड़ितों को डराते हैं और उन पर पैसे देने के लिए दबाव डालते हैं।
श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इम्तियाज हुसैन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आरोपियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए एक वरिष्ठ नागरिक से 21 लाख रुपये की ठगी की। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित के साथ अपनी बातचीत को देश की खुफिया बात कहा और उसे अपना घर बंद करने, अन्य लोगों से बातचीत न करने का निर्देश दिया तथा कुछ ही घंटे में पैसे वापस कर देने का झूठा आश्वासन दिया।
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अधिकारी ने बताया कि दबाव में आकर पीड़ित ने समय से पहले अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट को बंद कर दी और उससे 21 लाख रुपये निकालकर एचडीएफसी बैंक में जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने बताया कि इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया और साइबर पुलिस कश्मीर ने तुरंत जांच शुरू की। एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने बताया कि पुलिस ने एडवांसड तकनीकी उपकरणों का उपयोग करते हुए अपराधियों की पहचान की और उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में टीम भेजी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश से गौरव कुमार, पंजाब से गुरप्रीत सिंह और उज्ज्वल चौहान को गिरफ्तार किया गया।
श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इम्तियाज हुसैन ने आगे बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, एक मैकबुक, 13 सिम कार्ड, 24 डेबिट कार्ड, 20 चेकबुक, 10 पासबुक और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। हुसैन ने बताया कि शिकायतकर्ता के खाते में 4.13 लाख रुपये भेज दिए गए हैं।