वकील दयान कृष्णन व आतंकी तहव्वुर राणा (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत लाया गया है और अब उसे कोर्ट में लाने और मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन के कंधों पर है। दयान कृष्णन न सिर्फ एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरफ से कोर्ट में पेश होंगे, बल्कि इस मामले में सरकारी पक्ष की पूरी कमान भी संभालेंगे।
दयान कृष्णन 2010 से ही इस केस से जुड़े हुए हैं और राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में अमेरिकी कोर्ट में भारत का पक्ष भी रख चुके हैं। यही वजह है कि लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर दयान कृष्णन कौन हैं और इनका लीगल बैकग्राउंड कितना बड़ा है?
राणा का अमेरिका में ब्रिटिश बैरिस्टर पॉल गार्लिक प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने राणा के खिलाफ भारत की प्रत्यर्पण कार्यवाही में अमेरिकी अभियोजकों की मुफ्त में मदद की थी। कृष्णन इससे पहले भी दिल्ली गैंगरेप केस, जैसे संवेदनशील मामले में पेश हो चुके हैं।
दयान कृष्णन की गिनती देश के सबसे प्रतिष्ठित क्रिमिनल वकीलों में होती है। उन्होंने 1993 में भारत के पहले नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उस यूनिवर्सिटी के पहले बैच का हिस्सा थे। कॉमनवेल्थ गेम्स भ्रष्टाचार केस मामले में भी दयान कृष्णन की बड़ी भूमिका रही।
क्राइम से संबंधित सभी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
1999 में उन्होंने अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की और 2001 के संसद हमले, कावेरी जल विवाद जैसे कई बड़े मामलों में अपनी कानूनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वे 1999 में जस्टिस जेएस वर्मा आयोग से भी जुड़े रहे और 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस में सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील के तौर पर पेश हुए।
अब तहव्वुर राणा के केस में दयान कृष्णन के साथ विशेष सरकारी वकील नरेंद्र मान, अधिवक्ता संजीवी शेषाद्रि और श्रीधर काले होंगे। केंद्र सरकार ने इस केस के लिए नरेंद्र मान को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है। यह टीम न सिर्फ राणा के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि इस जघन्य आतंकी हमले के दोषी को सख्त से सख्त सजा मिले। वकील पीयूष सचदेव को राणा का वकील नियुक्त किया गया है। सचदेव एनआईए कोर्ट में राणा का पक्ष रखेंगे।