फाइल फोटो: वक्फ बिल JPC [स्रोत: सोशल मीडिया]
नई दिल्ली: वक्फ बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) अगले सप्ताह 5 राज्यों का दौरा करेगी। कमेटी तय समय पर रिपोर्ट पेश कर सके, इसलिए यह फैसला लिया गया है। हालांकि, ऐसे कई उदाहरण हैं जब कमेटियों की रिपोर्ट पेश करने की तारीख आगे बढ़ायी जाती रही है। लेकिन कमेटी अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट पेश करना चाहते हैं।
JPC के सदस्य इन पांच राज्यों की राजधानी में उनके अल्पसंख्यक मामलों के विभाग, कानून विभाग, अल्पसंख्यक आयोग और वक्फ बोर्ड के साथ बातचीत करेगी। वह बार काउंसिल और मुत्तवल्ली संघों सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स से भी मुलाकात करेगी।
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कमेटी 9 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी से अपना दौरा शुरू करेगी। इसके बाद 11 नवंबर को भुवनेश्वर (ओडिशा), 12 नवंबर को कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 13 नवंबर को पटना (बिहार) और 14 नवंबर को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) जाएगी।
इससे पहले 4-5 नवंबर को मुस्लिम महिलाओं, शिक्षाविदों, वकीलों और सामाजिक-धार्मिक संगठनों के साथ दिल्ली में भी बैठक होगी। कमेटी को संसद के विंटर सेशन में पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। विंटर सेशन अगले महीने 25 नवंबर से शुरू हो रहा है।
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एक दिन पहले मंगलवार को हुई बैठक में विपक्षी सांसदों और दिल्ली वक्फ बोर्ड के बीच जमकर हंगामा हुआ था। विपक्षी सांसदों ने कहना था कि दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना दिल्ली वक्फ बोर्ड को प्रेजेंटेशन देने की अनुमति देना अवैध है।
वक्फ बोर्ड दिल्ली के माइनॉरिटी अफेयर्स मिनिस्ट्री के अधीन है, इसलिए वक्फ बोर्ड की किसी भी रिपोर्ट को सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है। इसे वक्फ बोर्ड ने नजरअंदाज कर दिया। JPC ने लोकसभा के महासचिव से बातचीत के बाद दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना ही दिल्ली वक्फ बोर्ड को प्रेजेंटेशन देने की अनुमति दी थी।