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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: साल 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद हर साल 15 अगस्त को पूरे भारत में ‘स्वतंत्रता दिवस’ (Independence Day 2023) का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। ‘स्वतंत्रता दिवस’ हिंदुस्तान के लिए एक ऐसा दिन होता है, जब हर भारतीय उन जांबाज शहीदों और हस्तियों को याद करता है, जिन्हें आजादी दिलवाने में अपनी जान तक कुर्बान कर दी थीं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन ही क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे की खास वजह क्या है। आइए जानें इसके पीछे की वजह।
हम सभी लोग जानते हैं कि पूरे देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि आखिर 15 अगस्त को ऐसा क्या हुआ था कि इस दिन खुशी हर तरफ खुशी का माहौल रहता है।
दरअसल, 15 अगस्त 1947 को तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत से हिंदुस्तान को आजादी मिली थी। आजादी मिलने के बाद एक तारीख निर्धारित किया गया, जिस दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाएगा। ऐसे में 15 अगस्त को भारत के लिए स्वतंत्रता दिवस के लिए चुना गया।
राजनीतिक शास्त्रों के अनुसार, अंतिम वॉयसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए साल 1948 तय किया था, लेकिन कई वर्षों और महीनों के संघर्ष, कठिनाई और हर दिन खराब हो रहे परिस्थितियों को देखते हुए लॉर्ड माउंटबेटन को विवश होना पड़ा और भारत की स्वतंत्रता का दिन 1948 से 1947 करना पड़ा। ऐसे में लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त को आजादी का दिन चुना।
यह भी कहा जाता है कि भारत को 18 जुलाई 1947 को ही आजादी मिल गई थी, लेकिन फिर भी 15 अगस्त का दिन इसके लिए चुना गया। इसके पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि तत्कालीन और अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने जापान के द्वितीय विश्व युद्ध में समर्पण की दूसरी सालगिरह को भारत की आज़ादी का दिन चुना, क्योंकि वो इस दिन को अपने लिए शुभ मनाता था। ऐसे में 15 अगस्त को भारत के लिए आजादी दिवस के रूप में चुना गया।
15 अगस्त 1947 हिंदुस्तान अपना पहला आजादी दिवस मना रहा था और उस दिन शुक्रवार था। कहा जाता है कि लॉर्ड माउंटबेटन के अलावा देश के कई महान ज्योतिषियों ने भी ग्रह नक्षत्रों के लिहाज से 15 अगस्त 1947 को आजादी के लिए शुभ दी माना था।