BRS की वरिष्ठ नेता और तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष के. कविता (फोटो- सोशल मीडिया)
भारत राष्ट्र समिति (BRS) की वरिष्ठ नेता और तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष के. कविता ने ऐलान किया है कि 17 जुलाई को तेलंगाना में ओबीसी को 42 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा से पारित दो विधेयकों को अब तक केंद्र सरकार और राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है, जबकि यह सामाजिक न्याय से जुड़ा एक जरूरी कदम है।
तेलंगाना सरकार ने मार्च 2025 में ओबीसी समुदाय को शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में 42% आरक्षण देने के दो अहम विधेयक पारित किए थे। लेकिन यह विधेयक केंद्र की मंजूरी के बिना लागू नहीं हो सकते, क्योंकि इनमें आरक्षण की सीमा 50% से अधिक है। के. कविता ने केंद्र सरकार से इस पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।
राष्ट्रपति की मंजूरी में देरी पर भड़कीं के कविता
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में के. कविता ने कहा कि राहुल गांधी हर मंच से ओबीसी आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन उनकी सरकार ने इसे अभी तक लागू नहीं किया। उन्होंने कहा,
राज्य विधानसभा ने मार्च में विधेयक पारित कर दिए थे, लेकिन अब तक राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं, उन्हें इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। के कविता ने सुझाव दिया कि इस कानून को तमिलनाडु मॉडल की तर्ज पर संविधान की 9वीं अनुसूची में जोड़ा जाए, ताकि इसे न्यायिक चुनौती से भी बचाया जा सके।
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आंदोलन की चेतावनी, केंद्र से जवाब की मांग
के. कविता ने स्पष्ट किया कि अगर केंद्र सरकार ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी तो 17 जुलाई को ‘रेल रोको आंदोलन’ पूरे राज्य में जोर पकड़ लेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल ओबीसी के लिए नहीं, बल्कि संविधान में भरोसा रखने वाले सभी नागरिकों की लड़ाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे का स्थायी समाधान संसद में एक विशेष कानून या संविधान संशोधन से ही हो सकता है। कविता ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि इस विधेयक को तुरंत राष्ट्रपति से मंजूरी दिलाई जाए और सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जाए। के कविता के द्वारा कहा गया कि ओबीसी आरक्षण को अगर अंजाम नहीं दिया जायेगा तो फिर वे आंदोलने के लिए तैयार है।