CBI की नोएडा में साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (फोटो- सोशल मीडिया)
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए नोएडा के स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। यह कॉल सेंटर विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता के नाम पर ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा था। ऑपरेशन चक्र-V के तहत की गई छापेमारी में कई अहम सबूत मिले हैं, और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया गया है।
CBI ने 7 जुलाई को नोएडा में तीन स्थानों पर समन्वित छापेमारी की थी। इसमें चल रही एक लाइव फ्रॉड कॉल भी पकड़ी गई, जिसमें विदेशी ग्राहक को तकनीकी समस्या का झांसा देकर पैसे ऐंठे जा रहे थे। इस कार्रवाई को विदेशी खुफिया एजेंसियों जैसे FBI (अमेरिका), NCA (यूके) और माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से अंजाम दिया गया।
कैसे काम करता था ये हाईटेक गिरोह
CBI के अनुसार, आरोपी खुद को माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बताकर यूके और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को कॉल करते थे। ये उन्हें विश्वास दिलाते थे कि उनके कंप्यूटर हैक हो चुके हैं या वायरस संक्रमित हैं। फिर सहायता के नाम पर उनसे सैकड़ों डॉलर वसूले जाते थे।
फर्स्ट आइडिया नाम से संचालित इस कॉल सेंटर के पास अत्याधुनिक तकनीकी कॉलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर था, जिससे यह लाखों किलोमीटर दूर बैठे लोगों को भी आसानी से ठग सकता था। कॉल के दौरान इस्तेमाल की जा रही स्क्रिप्ट्स, फर्जी तकनीकी समस्याओं की फाइलें, और पेमेंट ट्रांजैक्शन डेटा CBI ने जब्त कर लिए हैं।
सिंडिकेट का सरगना गिरफ्तार, पूछताछ में कई खुलासे
CBI ने इस ऑपरेशन के तहत सिंडिकेट के मुख्य संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि गिरोह कई वर्षों से सक्रिय था और हर महीने लाखों डॉलर की ठगी करता था। यह भी पाया गया कि इनके शिकार ज़्यादातर बुजुर्ग और तकनीक में कमजोर लोग थे, जिन्हें आसानी से भ्रमित किया जा सकता था।
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CBI का कहना है कि वह साइबर अपराध से निपटने के लिए अपनी क्षमताएं लगातार मजबूत कर रही है। ऑपरेशन चक्र-V इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अपराधियों को बेनकाब किया जा रहा है।