तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी
हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने ओबीसी समुदाय के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को शिक्षा, नौकरी, रोजगार और राजनीति में 42 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि तेलंगाना में ओबीसी की जनसंख्या 56.36% है और सरकार उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम कांग्रेस द्वारा चुनावी वादे का हिस्सा था। जिसे अब अमल में लाया जा रहा है।
सरकार इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद ओबीसी आरक्षण को बढ़ाया जाएगा।
Telangana is proud to lead the social revolution in #India
It is my honour to announce the longest pending demand of the subaltern groups since Indian Independence, the yearning of our brothers & sisters belonging to the Backward Castes, on being counted & recognised in an…
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) March 17, 2025
सरकार ने 4 फरवरी 2024 को ओबीसी जाति जनगणना शुरू की थी। पिछली सरकार ने इसे 37% तक बढ़ाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था, जिसे अब वापस लेकर नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। रेड्डी ने कहा कि 42% आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात समेत सभी कानूनी उपाय अपनाए जाएंगे। सीएम रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना ने भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व किया है। हमें गर्व है कि स्वतंत्रता के बाद से ओबीसी समूहों की सबसे लंबे समय से मांग थी, ओबीस के हमारे भाइयों और बहनों की इच्छा आखिरकार पूरी हो गई है।
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मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही है और कर्मचारियों के वेतन के लिए भी आरबीआई से कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से धैर्य रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि वेतन हर महीने की पहली तारीख को दिया जाएगा, हालांकि कई बार इसमें मुश्किलें आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति को पारदर्शी रखते हुए सभी को इससे अवगत कराया जाएगा ताकि सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास बना रहे। सीएम ने सारी जानकारी को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है।