सुप्रीम कोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
Supreme Court on Woman Alimony: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तलाक के बाद गुजारा भत्ता के मामने तीखी प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने कहा औरतों को खुद अपने पैरों पर खड़ा होने चाहिए और पति से गुजारा भत्ता लेने की जगह अपना खर्च खुद उठाना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक एक मामले में महिला ने अपने पति से तलाक के बाद मुंबई में एक फ्लैट, 12 करोड़ रुपए का भरण-पोषण और एक महंगी BMW कार की मांग की थी। महिला की मांग सुनकर चीफ जस्टीस आफ इंडिया (CJI) बीआर गवई महिला से तीखे सवाल उठाते हुए ये टिप्पणी की।
CJI बीआर गवई ने महिला से पूछा कि, आपकी शादी को केवल 18 महीने ही हुए हैं। आप हर महीने एक करोड़ रूपये की मांग कर रही हैं। उन्होंने आप इतनी पढ़ी-लिखी हैं। आप खुद क्यों कोई नौकरी नहीं करती हैं। एक उच्च शिक्षित महिला बेकार नहीं बैठ सकती। आपको अपने लिए कुछ मांगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए बल्कि खुद कमाकर खाना चाहिए।
उन्होंने महिला से कहा कि वह या तो एक फ्लैट लेकर संतुष्ट हो जाएं या फिर 4 करोड़ रुपए लेकर अपनी पसंद की अच्छी नौकरी तलाश लें। कोर्ट ने फ्लैट या 4 करोड़ रुपए के विकल्प के साथ समझौते का प्रस्ताव देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही, मामले को रद्द करने का भी आदेश दिया।
CJI बी.आर. गवई की टिप्पणी से पहले महिला ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसका पति सिटी बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है और उसके दो व्यापार भी हैं। महिला ने दावा किया, “मेरा पति बहुत अमीर है।” महिला ने पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “उसने तलाक की मांग करते हुए यह दावा किया कि मैं सिज़ोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हूं। लेकिन क्या मैं मानसिक रूप से बीमार दिखती हूं, माय लॉर्ड?”
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महिला ने आगे बताया कि उसके पति ने उसे जबरन उसकी पिछली नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया। “मैं एक बच्चा चाहती थी, लेकिन उसने मुझे यह अधिकार भी नहीं दिया,” महिला ने कहा।
उसने यह भी कहा कि उसके खिलाफ FIR दर्ज है, जिससे उसे किसी भी जगह नौकरी मिलने में कठिनाई होगी। अंत में, महिला ने यह आरोप भी लगाया कि उसके पति ने उसके वकील को भी अपने खिलाफ भड़का दिया है।