वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून पर गुरुवार को दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में करीब 1 घंटे तक सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून पर जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है। सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन में जवाब देना होगा। अगली सुनवाई 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं की जगह सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाएं। उन्हीं पर सुनवाई होगी। तब तक सरकार को तीन निर्देशों का पालन करना होगा। गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई के दूसरे दिन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अगर कोई वक्फ संपत्ति 1995 के कानून के तहत रजिस्टर्ड है तो उन संपत्तियों को नहीं छुआ जा सकता।
साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह अगली सुनवाई तक ‘वक्फ बाय डीड’ और ‘वक्फ बाय यूजर’ को डी-नोटिफाई नहीं करेगी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 5 मई की तारीख तय की।
सुप्रीम कोर्ट सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘110 से 120 फाइलों को पढ़ना संभव नहीं है। ऐसे में 5 ऐसे बिंदुओं पर फैसला करना होगा। सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर सुनवाई होगी। सभी याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर सहमत होने चाहिए। नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों पर फैसला लें।’
सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह कानून के खिलाफ दलील दे रहे हैं।
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केंद्र ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया, जिसे संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस के बाद पारित होने के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 सदस्यों ने मतदान किया। लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। इस तरह यह दोनों सदनों से पारित हो गया।