तमिलनाडु में बढ़ी सियासी हलचल! के अन्नामलाई ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, AIDMK से बीजेपी की नजदीकी बनी वजह?
नवभारत डेस्क: के अन्नामलाई ने शुक्रवार को खुद को भाजपा के राज्य नेतृत्व की दौड़ से बाहर कर लिया। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु भाजपा में कोई मुकाबला नहीं है, हम सर्वसम्मति से एक नेता का चयन करेंगे। लेकिन मैं दौड़ में नहीं हूं। मैं भाजपा के राज्य नेतृत्व की दौड़ में नहीं हूं।”
यह बात अगले वर्ष की पहली छमाही में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच संभावित पुनर्मिलन की जोरदार चर्चा के बीच कही जा रही है।
कुछ दिन पहले, एआईएडीएमके के महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की।
इससे पहले, चुनाव से पहले अन्नाद्रमुक के राजग में लौटने की संभावना पर मीडिया से बात करते हुए अन्नामलाई ने कहा, “मैं इस समय गठबंधन या गठबंधन के गठन के बारे में बात करने के लिए अधिकृत नहीं हूं।” उन्होंने कहा, “तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के तौर पर मुझे जो भूमिका दी गई है, वह राज्य में पार्टी को मजबूत करना है। हम सभी यही करने की कोशिश कर रहे हैं। नेता मेरे साथ हैं, कार्यकर्ता मेरे साथ हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व टीम राज्य चुनावों से पहले गठबंधन की प्रकृति पर “उचित निर्णय” लेगी। उन्होंने कहा, “2026 में गठबंधन के आकार और स्वरूप तथा एनडीए की प्रकृति के संबंध में हमारा नेतृत्व उचित समय पर निर्णय लेगा और स्वाभाविक रूप से मीडिया को जानकारी दी जाएगी।”
NDA में शामिल होगी AIADMK?
इस बीच बीजेपी और AIADMK के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी अब AIADMK को एनडीए में वापस लाने पर अड़ी हुई है, भले ही इसके लिए उसे राज्य के किसी प्रमुख नेता की बलि क्यों न देनी पड़े। इस पूरे घटनाक्रम को समर्थन देने वालों में केए सेंगोट्टैयन का हाल ही में हुआ दिल्ली दौरा भी शामिल है। सेंगोट्टैयन 2017 में जयललिता की मौत के बाद सीएम पद की दौड़ में थे। सूत्रों ने बताया कि सेनगोट्टैयन अपने जिले इरोड में पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति में ईपीएस के फैसले से संतुष्ट नहीं थे, जिसके कारण वे पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे थे।
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‘अन्नामलाई को भाजपा देने वाली झटका’
बता दें कि साल 2023 में सीएम अन्नादुरई और जयललिता पर अन्नामलाई के बयानों के बाद ही AIADMK ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा और AIADMK का गठबंधन हुआ तो अन्नमलाई की राजनीतिक बलि तय है। भाजपा ने तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा था और बुरी तरह हार गई। अब विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।