इस साल हुईं भगदड़ की घटनाएं
Haridwar Stampede: उत्तराखंड में हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई है वहीं, 29 लोग घायल भी हुए हैं। इस भगदड़ का कारण सीढ़ियों पर करंट फैलने की अफवाह बताया जा रहा है। जबकि मौके पर भीड़ और प्रशासनिक नाकामी के हालात को बयां करने वाली तस्वीरें भी सामने आई हैं।
आपको बता दें कि मनसा देवी मंदिर में हुई यह भगदड़ इस साल की 6वीं ऐसी घटना है, जहां भीड़ बेकाबू होने के बाद जानलेवा हो गई है। 29 जनवरी को महाकुंभ से शुरू हुआ भगदड़ का सिलसिला लगातार जारी है। इस साल कब और कहां भगदड़ की घटना हुई चलिए जानते हैं…
इस साल के पहले ही महीने यानी जनवरी 2025 में प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ी। भीड़ पर नियंत्रण न होने की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 37 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए। जबकि एक मीडिया ने अपनी पड़ताल में 82 लोगों की मौत का दावा किया था।
इसी साल जनवरी 2025 में तिरुपति मंदिर में विशेष दर्शन टोकन के लिए उमड़ी भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और 6 लोगों की मौत हो गई। श्रद्धालु एक रात पहले ही काउंटर पर जमा हो गए थे। जिसकी चलते यह भगदड़ की घटना घटी थी।
तीसरी बड़ी भगदड़ की घटना 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर घटी। जहां प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ प्लेटफॉर्म पर बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाले पुल पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
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यह घटना रात करीब 8 बजे प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इस दौरान ‘प्रयागराज एक्सप्रेस’ और ‘प्रयागराज स्पेशल’ नाम की दो ट्रेनों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ की शुरुआत कुछ यात्रियों के फिसलकर गिरने से हुई, जिसमें कई लोग कुचले गए।
इसके बाद 2 मई 2025 को गोवा के श्री लैराई देवी मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 7 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। भगदड़ के पीछे भीड़ को कारण बताया गया और कहा गया कि श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यहां सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त थी।
इसी साल तीन जून को आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने लीग के 18वें सीजन में पहली बार ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। जिसके अगले दिन यानी 4 जून को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न का आयोजन किया गया। इस आयोजन के दौरान स्टेडियम के गेट के बाहर भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।