शुभांशु शुक्ला (फोटो- सोशल मीडिया)
Shubhanshu Shukla Return: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom‑4 मिशन के तहत 20 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद सुरक्षित धरती पर लौट आए। स्पेसक्राफट ड्रैगन कैप्सूल “Grace” भारतीय समयानुसार करीब 3:01 मिनट पर कैलिफोर्निया समुद्री तट के पास लैंड हुए।
ड्रैगन कैप्सूल से निकलने के बाद नासा की टीम शुभांशु का मेडिकल चेकअप करेगी। इसके बाद उन्हें 10 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद ही वो अपने सामान्य जीवन में वापसी कर पाएगें। शुभांशु ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कई इतिहास रचे हैं। साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण खोज की है। जो भारत के नजरिए से काफी अहम है। आइए आपको बताते हैं कि शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में क्या-क्या किया और उनका सफर पूरा सफर कैसा रहा।
• 20 days, 3 hours in space
• 322 orbits completed
• 1,39,10,400 kilometres travelled
• 1st ever Indian on ISSWelcome back to Earth Gp Capt Shubhanshu Shukla 🌏🇮🇳 pic.twitter.com/8nPH0tLjl8
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) July 15, 2025
शुभांशु शुक्ला के Axiom‑4 मिशन में तकनीकी खराबी के चलते कई बार देरी हुई। आखिरकार 25 जून 2025 को एक्सियम मिशन 4 ने दोपहर करीब 12 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के ISS के लिए उड़ान भरी, सभी अंतरिक्ष यात्री अगले 26 जून को ISS पहुंचे थे। जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया था।
शुभांशु ने इतिहास रचते हुए 28 जून 2025 को ISS से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस की। बातचीत के दौरान शुभांशु ने कहा, “अंतरिक्ष से भारत बेहद शानदार दिखाई देता है।” इस पर पीएम ने उनसे पूछा, “क्या आप गाजर का हलवा लेकर गए थे? साथियों को भी खिलाया?” शुभांशु ने हँसते हुए जवाब दिया, “हां, सभी साथियों के साथ मिलकर गाजर का हलवा खाया।”
3, 4 और 8 जुलाई को शुभांशु ने तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और लखनऊ के 500 से अधिक छात्रों से हैम रेडियो के जरिए संवाद किया। इस पहल का उद्देश्य युवाओं में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ावा देना था।
Group Capt #ShubhanshuShukla:
🗣 “41 years ago, an Indian went to space and told us how India looks like from space.
…and I can again tell you that today’s India still appears Saare Jahan Se Accha” 🇮🇳#AxiomMission4
pic.twitter.com/l3yE6LdCDY— The-Pulse (@ThePulseIndia) July 14, 2025
अपने अभियान के अंतिम चरण में उन्होंने 6 जुलाई को ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से बात की, जिसमें उनके वैज्ञानिक प्रयोगों और भारत के गगनयान मिशन में उनके योगदान पर चर्चा हुई। इसके अलावा, उन्होंने कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी की शानदार तस्वीरें भी लीं। यह मॉड्यूल सात खिड़कियों वाला एक विशेष हिस्सा है, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी के नज़ारे देखने के लिए जाना जाता है।
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शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सात अलग-अलग चिजों पर खोज की। ये सभी भारत के गगनयान मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण थे। शुक्ला ने टार्डिग्रेड, मायोजेनेसिस, मेथी और मूंग के बीज का अंकुरण, सायनोबैक्टीरिया, माइक्रोएल्गी, फसल बीज और वोयाजर डिस्प्ले पर प्रयोग योजना के अनुसार पूरे किए गए हैं।