लोकसभा में बोलते हुए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे (सोर्स: एएनआई)
नई दिल्ली: लोकसभा में राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा में अपने भाषण में कहा कि सावरकर ने लिखा था कि भारतीय संविधान में भारतीय जैसा कुछ नहीं है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के नेताओं ने संसद में दिये राहुल गांधी के भाषण को लेकर कांग्रेस नेता पर जोरदार प्रहार किया।
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बार-बार ‘अभय मुद्रा’ की बात करते हैं जो अहिंसा सिखाती है, लेकिन कांग्रेस ने 1984 में सिखों के साथ हिंसा की। शिवसेना नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने ‘युवाओं के अंगूठे काटे जाने’ की बात कही लेकिन उन्हें याद करना चाहिए कि 1964 में उनके शासन में 1070 सांप्रदायिक दंगे हुए, उनके शासन में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं।
स्वातंत्र्यवीर सावरकरांना मानणारे, त्यांना पुजणारे संविधान विरोधी असतील तर स्व. इंदिराजी गांधी सुद्धा संविधान विरोधी होत्या का?#Shivsena #DrShrikantEknathShinde@Shivsenaofc pic.twitter.com/y2IPAn6fbm — Dr Shrikant Lata Eknath Shinde (@DrSEShinde) December 14, 2024
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के लोग सावरकर का अपमान करते हैं तो उनके सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के लोग बताएं कि क्या वे इनकी बात मानते हैं। शिंदे ने दावा किया कि 1980 में इंदिरा गांधी ने सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सचिव पंडित बाखले को लिखे पत्र में सावरकर की प्रशंसा की थी और उन्हें साहसी बताया था। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बताएं कि क्या उनकी दादी भी संविधान विरोधी थीं।
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शिंदे के बयान पर राहुल गांधी स्पष्टीकरण की अनुमति देने की मांग करने लगे। आसन से उन्हें शिंदे के बयान के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया गया। लेकिन कांग्रेस सांसद तत्काल अनुमति देने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे और आसन के समीप आ गए। कुछ देर हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को बोलने की अनुमति दी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि “जब मैं छोटा था तो मैंने इंदिरा गांधी जी से सावरकर के बारे में पूछा था तो उन्होंने मुझे बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से समझौता किया और अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी। गांधीजी जेल गये, नेहरू जी जेल गए, लेकिन सावरकर ने माफी मांगी थी।”
इस बयान पर श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के लोग सावरकर के बारे में अनर्गल बयानबाजी करते हैं, लेकिन “हमें अभिमान है कि हम सावरकर की पूजा करते हैं।”
मुंबई की धारावी परियोजना के पुनर्निर्माण से एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में शिंदे ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन का अधिकर है और उसका अर्थ केवल जिंदा रहना नहीं, बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन जीना भी है। उन्होंने कहा कि “इसलिए महाराष्ट्र की सरकार धारावी का पुनर्विकास करा रही है जिससे वहां रहने वाले लोगों को पक्के मकान मिलेंगे।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)