500 के नोट (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला दावा वायरल हो रहा है कि 500 रुपये के नोट मार्च 2026 तक चलन से बाहर हो जाएंगे। यह खबर यूट्यूब चैनलों पर तेजी से फैलाई गई, जिससे आम लोगों में दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, इस अफवाह पर सरकार की ओर से साफ जवाब आया है।
पीआईबी (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) ने इस वायरल दावे की जांच की और कहा कि यह पूरी तरह से फर्जी है। पीआईबी के फैक्ट चेक के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 500 रुपये के नोट को बंद करने के संबंध में कोई घोषणा, आदेश या निर्देश जारी नहीं किया है। ये नोट पहले की तरह वैध मुद्रा बने रहेंगे और चलन में बने रहेंगे।
पीआईबी ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी खबर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, जब तक कि आरबीआई या पीआईबी जैसे आधिकारिक स्रोतों से इसकी पुष्टि न हो जाए। सोशल मीडिया या यूट्यूब वीडियो में कही गई बातों पर बिना जांचे-परखे विश्वास करना खास तौर पर गलत है।
इस अफवाह की जड़ एक यूट्यूब वीडियो है, जिसमें दावा किया गया था कि आरबीआई मार्च 2026 से 500 रुपये के नोट बंद कर देगा। इसके बाद यह झूठी खबर तेजी से वायरल हो गई। इस दावे ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया। अब पीआईबी की सच्चाई सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि यह सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश थी।
Is the ₹500 note set to be phased out by 2026? 🤔
A #YouTube video on the YT Channel ‘CAPITAL TV’ (capitaltvind) falsely claims that the RBI will discontinue the circulation of ₹500 notes by March 2026.#PIBFactCheck
✔️@RBI has made NO such announcement.
✔️₹500 notes have… pic.twitter.com/NeJdcc72z2
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 3, 2025
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि 2024-25 में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 37.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वित्त वर्ष में 1.18 लाख नकली नोट पकड़े गए, जिनकी कुल कीमत करीब 5.88 करोड़ रुपये थी।
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वहीं 2023-24 में यह संख्या 85,711 थी, जिनकी कीमत 4.28 करोड़ रुपये थी। 200 रुपये के नकली नोटों की संख्या में भी इजाफा देखा गया है। 2024-25 में 32,660 नकली नोट पकड़े गए, जिनकी कीमत कुल 65.32 लाख रुपये थी। पिछले साल यह आंकड़ा 28,672 नकली नोट और 57.34 लाख रुपये का था।
आरबीआई और पीआईबी दोनों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले किसी भी खबर की सत्यता की जांच करें। फर्जी खबरें न केवल भ्रम फैलाती हैं, बल्कि इससे लोगों में आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा भी पैदा हो सकती है।