बीजेपी के खेल में फंसे नवीन पटनायक? JDU के बाद BJD में भी मचा बवाल, टूट के कगार पर पार्टी!
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल के समर्थन को लेकर एनडीए की सहयोगी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में भगदड़ के बाद बीजेडी भी इस मसले पर दो फाड़ हो गई है। राज्यसभा में इस कानून को मंजूरी दिलाने में इस पार्टी के सांसदों की भूमिका काफी अहम रही। हालांकि बीजेडी अपने गृह राज्य ओडिशा में बीजेपी के विरोध में खड़ी है। शनिवार को पार्टी के पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने पार्टी के राज्यसभा फ्लोर लीडर सस्मित पात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
जेना ने पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वक्फ बिल पर पार्टी के आखिरी मिनट में बदले गए रुख के पीछे साजिश है। उन्होंने सस्मित के उस सोशल मीडिया पोस्ट के ऊपर सवाल उठाया, जिसमें सस्मित ने कहा था कि बीजेडी के राज्यसभा सांसद इस बिल पर अपनी अंतरात्मा की आवाज के आधार पर निर्णय ले सकते हैं। सस्मित ने ये पोस्ट तब किया जब पार्टी महीनों से कहती आ रही थी कि वो राज्यसभा में इस कानून का विरोध करेगी।
गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ कानून पर बहस के दौरान बीजेडी सांसद मुजिबुल्ला खान ने बिल का विरोध किया था। राज्यसभा में बीजेडी के सात सांसदों में से दो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं- खान इकलौते मुस्लिम सांसद हैं, वहीं सस्मित पात्रा ईसाई समुदाय से आते हैं। जेना ने आगे कहा कि आखिरी वक्त में फैसले में बदलाव समझ से परे है। हमारी पार्टी हमेशा से ही धर्मनिरपेक्ष रही है और ये साफ था कि हम वक्फ बिल का विरोध करेंगे। बीजेडी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री प्रफुल्ल समल ने भी सस्मित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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सांसदों में शुरू हुआ मतभेद
बीजेडी के राज्यसभा सांसद देबाशीष समंतराय ने भी पार्टी नेतृत्व के सलाहकारों की आलोचना करते हुए कहा कि नवीन पटनायक ने दो बार साफ कहा था कि हम बिल का विरोध करेंगे। जिन लोगों ने भी आखिरी मिनट में ये बदलाव सुझाया, वे पार्टी के हित में काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समंतराय ने किसी मुख्य सलाहकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन उसका नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सस्मित को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन्होंने नेतृत्व के निर्देशों का पालन किया होगा। लेकिन इस बदलाव ने बीजेडी को शर्मिंदगी में डाल दिया।