
राहुल के आरोप पर बीजेपी का पलटवार- आप सीरियस नहीं (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP vs Rahul Gandhi on Foreign Delegation Meeting: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से ठीक पहले देश की राजनीति में एक नया उबाल आ रखा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बेहद गंभीर और बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब भी कोई विदेशी मेहमान या प्रतिनिधिमंडल भारत आता है, तो सरकार विपक्ष के नेताओं को उनसे मिलने की अनुमति नहीं देती है। राहुल के इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने भी इस पर तीखा पलटवार करते हुए राहुल गांधी की गंभीरता और उनकी पुरानी आदतों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल गांधी ने पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ऐसा बिल्कुल नहीं होता था। तब विपक्ष के नेताओं को विदेशी मेहमानों से मिलने की पूरी आजादी थी और यह एक स्थापित परंपरा थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का नेता भारत को लेकर एक अलग नजरिया दुनिया के सामने रखता है। देश का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि हम भी करते हैं। लेकिन राहुल का आरोप है कि आजकल विदेश मंत्रालय मेहमानों को पहले ही सुझाव दे देता है कि उन्हें किससे मिलना है और किससे नहीं, जिससे यह महत्वपूर्ण परंपरा टूट रही है।
राहुल गांधी के इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने राहुल के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राजनीति को लेकर कभी गंभीर रहे ही नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि आज तक दुनिया में कोई ऐसा जिम्मेदार नेता नहीं देखा गया जो विदेश जाकर अपने ही देश की बुराई करता हो, लेकिन राहुल गांधी अक्सर विदेशी धरती पर जाकर भारत के लोकतंत्र को कोसते रहते हैं। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी सीरियस नहीं हैं और वे बेवजह के मुद्दों को तूल दे रहे हैं।
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राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए जोर दिया कि विदेशी डिग्निटरीज से मिलना एक वैधानिक नियम और शिष्टाचार का हिस्सा है, जिसे वर्तमान सरकार मान नहीं रही है। उनका मानना है कि सरकार यह नहीं चाहती कि विपक्ष की आवाज या उनका पक्ष बाहरी दुनिया तक पहुंचे। हालांकि, भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहे हैं। पुतिन के आगमन से पहले छिड़ी यह जुबानी जंग अब और तेज होती दिखाई दे रही है, जहां एक तरफ राहुल गांधी ने वाजपेयी और मनमोहन सिंह के दौर की याद दिलाई है, तो दूसरी तरफ भाजपा ने राहुल के विदेशी दौरों पर उनके बयानों को याद दिलाकर उन्हें घेरा है।






