प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो- सोशल मीडिया
Parliament Monsoon Session: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 विधेयक के आने से विपक्ष में तीखी नाराजगी है और संसद में जोरदार हंगामे के आसार हैं। विपक्षी दलों ने टेबल तोड़ने और बिल फाड़ने तक की धमकी दी है।
इन दलों में ऐसा प्रावधान शामिल है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री या राज्य मंत्री किसी गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन अपना पद छोड़ना होगा। इनका उद्देश्य गंभीर अपराधों में फंसे नेताओं को पद से हटाना बताया जा रहा है। लेकिन विपक्ष इसे संविधान विरोधी और अलोकतांत्रिक बता रहा है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इस प्रावधान का दुरुपयोग कर किसी भी मुख्यमंत्री को झूठे मामलों में फंसाकर 30 दिन के भीतर पद से हटाया जा सकता है। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा हर चीज अपने हाथ में लेना चाहती है और भूल रही है कि वह हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी।
#WATCH | Delhi | On the bill for the removal of the PM, CMs, and ministers held on serious criminal charges, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, “This bill is unconstitutional..Who will arrest the Prime Minister?…All in all, the BJP government wants to make our country a police… pic.twitter.com/b8b7UTn6Pn
— ANI (@ANI) August 20, 2025
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह नए हथकंडों से राज्य सरकारों को गिराने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अदालत के दोषसिद्धि से पहले अपराधी नहीं माना जा सकता, लेकिन सरकार केवल गिरफ्तारी के आधार पर ही मंत्री या मुख्यमंत्री को हटाना चाहती है।
गोखले ने यह भी दावा किया कि पिछले 11 वर्षों में भाजपा के किसी भी मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि विपक्षी नेताओं को ही निशाना बनाया गया। एक सांसद ने यहां तक कहा कि इस विधेयक का बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम इसे पेश ही नहीं होने देंगे। हम टेबल तोड़ देंगे और बिल फाड़ देंगे।’
लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने इस विधेयक को संघीय ढांचे और न्यायपालिका के खिलाफ बताया। उनके अनुसार, केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को झूठे आरोपों पर गिरफ्तार कर सकती है और बिना अदालत के दोषी ठहराए ही उन्हें पद से हटा सकती है। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर संसद को मजाक बनाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया।
Power without accountability. Bypassing judiciary & people’s mandate. We are in Super Emergency pic.twitter.com/C6SYahP39N
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 20, 2025
कुल मिलाकर, इन प्रस्तावित विधेयकों ने सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव को और गहरा कर दिया है। विपक्ष का मानना है कि सरकार इन प्रावधानों के जरिए लोकतंत्र और संविधान को कमजोर कर, केंद्र के हाथों में असीमित शक्तियां देना चाहती है। वहीं, सरकार इसे साफ-सुथरे शासन की दिशा में एक कदम बताती है। आने वाले दिनों में संसद में इस मुद्दे पर भारी बवाल तय माना जा रहा है।
#WATCH | On the bill for the removal of the PM, CMs, and ministers held on serious criminal charges, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra says, “I see it as a completely draconian thing, as it goes against everything. To say it as an anti-corruption measure is just to pull a veil… pic.twitter.com/Or5Q6effKK
— ANI (@ANI) August 20, 2025