PM Modi का श्रीलंका दौरा (सोर्स - सोशल मीडिया)
कोलंबो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा शुक्रवार को एक ऐतिहासिक और भावनात्मक शुरुआत के साथ हुई, जब उन्हें कोलंबो के स्वतंत्रता चौक पर विशेष औपचारिक स्वागत मिला। यह पहली बार है जब किसी विदेशी नेता को श्रीलंका ने इस तरह के सम्मान से नवाजा। राष्ट्रपति सचिवालय में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके से मुलाकात इस यात्रा का मुख्य आकर्षण रही। यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों और साझा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को नई मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह श्रीलंका यात्रा 2019 के बाद उनकी पहली यात्रा है, जो भारत-श्रीलंका संबंधों में विकास, सांस्कृतिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता पर नए सिरे से फोकस का संकेत देती है। इससे पहले उन्होंने थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लिया और वहां के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की। कोलंबो पहुंचने पर छह वरिष्ठ श्रीलंकाई मंत्रियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसमें मौसम की चुनौती के बावजूद उत्साह की कोई कमी नहीं दिखी।
राष्ट्रपति सचिवालय में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके की बातचीत का उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देना था। दोनों नेताओं ने विकास परियोजनाओं, क्षेत्रीय सहयोग और सांस्कृतिक साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कोलंबो के एक होटल में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की और उनके साथ परंपरागत कठपुतली नृत्य का आनंद लिया, जिससे भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्तों की गहराई उजागर हुई।
Glimpses from the ceremonial welcome in Colombo this morning.@anuradisanayake pic.twitter.com/88k2T1NN20
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025
भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी अनुराधापुरा भी जाएंगे। यह दौरा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को धरातल पर उतारने का एक अहम उदाहरण बनता जा रहा है। कोलंबो में प्रधानमंत्री के कदम रखते ही उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर सभी श्रीलंकाई नेताओं और आमजन के स्वागत के लिए आभार जताया। वहीं, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में योग विभाग के प्रमुख व्यास कल्याणसुंदरम ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा योग को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी के प्रयासों से योग अब श्रीलंका में भी एक लोकप्रिय और चिकित्सीय अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है, जिसने लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाया है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल राजनयिक संवाद तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें भारतीय संस्कृति की झलक और आपसी मानवीय जुड़ाव भी स्पष्ट दिखाई दिया। कोलंबो में कठपुतली प्रदर्शन हो या प्रवासी भारतीयों से संवाद, हर क्षण संबंधों को भावनात्मक आधार भी देता दिखा।
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भारत द्वारा श्रीलंका में चलाई जा रही विकास परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है। इससे न केवल द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बल मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन और स्थायित्व को भी समर्थन मिलेगा। यह यात्रा दोनों देशों के बीच भरोसे, साझेदारी और भविष्य की समृद्धि की ओर बढ़ते कदमों की सशक्त मिसाल बनकर उभरी है।