PM मोदी के दशक के बड़े फैसले (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi Government Big Decession: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत ने शासन, समाज कल्याण, विज्ञान और विदेश नीति जैसे हर क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी है। तकनीक आधारित शासन से लेकर ऐतिहासिक कानूनी सुधारों तक, सरकार ने ऐसे कई नए प्रयोग किए हैं जिसने न केवल देश के काम करने का तरीका बदला, बल्कि आम नागरिकों को सशक्त बनाया और दुनिया में भारत की एक नई पहचान गढ़ी है। इन नीतियों ने भारत को विकास की एक नई राह पर अग्रसर किया है।
इस बदलाव की नींव तकनीक आधारित शासन ने रखी। 2015 में शुरू हुए ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन ने सरकारी सेवाओं को एक क्लिक पर उपलब्ध करा दिया और सुदूर गांवों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया। वहीं, यूपीआई क्रांति ने भारत को रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट में दुनिया का अगुआ बना दिया। इन तकनीकी सुधारों को ‘मेक इन इंडिया’ जैसी आर्थिक नीतियों का साथ मिला, जिसने भारत को मैन्युफैक्चरिंग का पावरहाउस बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई। साथ ही, जन-धन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।
सरकार ने केवल सामाजिक और आर्थिक ही नहीं, बल्कि कानूनी और संरचनात्मक मोर्चे पर भी बड़े और साहसिक कदम उठाए हैं। सबसे प्रमुख सुधारों में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों को बदलकर उनकी जगह ‘भारतीय न्याय संहिता’ को लागू करना है, जिसका उद्देश्य पीड़ित-केंद्रित और पारदर्शी न्याय प्रणाली स्थापित करना है। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में 1200 से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। नवाचार के क्षेत्र में भारत ने 5जी और 6जी की तैयारी के साथ अंतरिक्ष में भी बड़ी प्रगति की है। देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का जलावतरण रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विदेश नीति में भी कई नवाचार देखने को मिले हैं। उन्होंने योग को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित कराया, जिसने इसे भारत की सॉफ्ट पावर का एक मजबूत हथियार बना दिया। अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के नेताओं को आमंत्रित कर उन्होंने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति का स्पष्ट संदेश दिया। इसके साथ ही ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘थिंक वेस्ट’ जैसी नीतियों ने क्षेत्रीय मामलों में भारत की सक्रिय भूमिका को और मजबूत किया है। इन प्रयासों ने वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को एक नई ऊंचाई दी है और दुनिया के साथ उसके जुड़ाव को और भी गहरा किया है।