हैदराबाद की कराची बेकरी
हैदराबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस तनाव का प्रकोप तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक बेकरी पर भी पड़ा है। रविवार को कुछ लोगों ने बेकरी के अंदर घुसकर और भारत माता की जय का नारा लगाते हुए तोड़फोड़ की। इस बेकरी का नाम ‘कराची बेकरी’ है। लोग इस बेकरी के नाम को लेकर गुस्सा हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस बेकरी का संचालन पाकिस्तान के कराची से किया जाता है और इसके मालिक पाकिस्तानी हैं।
जानकारी के मुताबिक खुद को राष्ट्रवादी बताने वाले लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। इससे पहले कराची बेकरी के विशाखापत्तनम ब्रांच के सामने प्रदर्शन हुए थे। विशाखापत्तनम में भी लोगों ने बेकरी का नाम बदलने को लेकर प्रदर्शन किया था। क्योंकि उनका कहना था कि यह एक पाकिस्तानी ब्रांड है।
इस घटना के बाद कराची बेकरी के मालिक राजेश रमनानी और हरीश रमनानी सामने आकर सच्चाई बता रहे हैं। उनका कहना है कि उनके प्रतिष्ठान का पाकिस्तान और कराची से कोई संबंध नहीं है। यह शत-प्रतिशत हिंदुस्तानी ब्रांड है। उन्होंने कहा कि 70 साल पहले इस संस्थान की स्थापना हैदराबाद के शमशाबाद में उनके दादा खानचंद रामनानी ने की थी। यह सौ फीसदी भारतीय ब्रांड है जिसका प्रबंधन पूर्ण रूप से भारत से ही किया जाता है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। पुलिस के मुताबिक तोड़फोड़ करने वालों को प्रतिष्ठान से बाहर निकाल दिया गया है।
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कराची बेकरी की स्थापना खानचंद रामनानी ने 1953 में की थी। रामनानी का संबंध सिंधी हिंदू परिवार से था। क्योंकि कराची पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक बड़ा शहर है।है, इसलिए उन्होंने 1953 में कराची के नाम पर अपनी बेकरी की स्थापना की। जानकारी के मुताबिक इस बेकरी के मालिक खानचंद रामनानी मूल रूप से कराची के ही रहने वाले थे और बंटवारे के बाद भारत में हैदराबाद आ गए थे।