
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, (डिजाइन फोटो)
Admiral Dinesh Tripathi: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को रातों की नींद भारतीय नौसेना ने हराम कर दी है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मई 2025 के पहलगाम हमले के बाद शुरू हुआ था और यह अभियान आज भी जारी है। इसकी संवेदनशील प्रकृति के कारण कई महत्वपूर्ण जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
एडमिरल त्रिपाठी के अनुसार, भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में INS विक्रांत सहित पूरा कैरियर बैटल ग्रुप बेहद आक्रामक तरीके से तैनात किया। यह तैनाती इतनी मजबूत रही कि पाकिस्तानी नौसेना अपने जहाज समुद्र में भेजने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाई। उनके जहाज कराची और ग्वादर बंदरगाहों से बाहर नहीं निकल सके और अधिकतर समय मकरान तट के पास ही छिपे रहे।
उन्होंने बताया कि इस आक्रामक रणनीति की वजह से पाकिस्तान को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। भारतीय नौसेना पिछले सात महीनों से उत्तरी अरब सागर में हाई-टेम्पो ऑपरेशंस लगातार चला रही है, जिससे क्षेत्र में भारत की मौजूदगी और दबदबा दोनों बढ़े हैं।
एडमिरल त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद किया और बताया कि पीएम ने मन की बात में समुद्री सुरक्षा और नौसेना की क्षमताओं का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि दिवाली की रात पीएम मोदी ने INS विक्रांत पर समय बिताया, जहां उन्होंने नौसेना की मल्टी-डोमेन क्षमताओं को करीब से देखा।
इस साल 4 दिसंबर का नौसेना दिवस तिरुवनंतपुरम में भव्य तरीके से मनाया जाएगा। एडमिरल त्रिपाठी ने पिछले वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार किए हैं। इस अवधि में नौसेना ने 50,000 घंटे की उड़ानें पूरी कीं, 52 समुद्री लुटेरों को पकड़ा, और 520 लोगों की समुद्री आपदाओं से जान बचाई। इसी दौरान नौसेना के जहाज़ों ने 11,000 जहाज-दिन तक लगातार समुद्र में ऑपरेशन संचालित किए।
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बीते वर्ष के दौरान 43,300 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गईं। 40 जहाजों को एंटी-पायरेसी मिशन पर भेजा गया, जबकि 138 जहाजों ने विभिन्न मिशनों में सक्रिय तैनाती निभाई। नौसेना ने 7,800 से अधिक व्यापारिक जहाज़ों को सुरक्षित एस्कॉर्ट प्रदान किया और लाल सागर में हूती हमलों के बीच भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई। मानवीय सहायता के तहत भारत ने INS विक्रांत, INS उदयगिरी और INS सुकन्या के माध्यम से श्रीलंका को राहत सामग्री पहुंचाई।
एडमिरल ने यह भी बताया कि पिछले साल से अब तक नौसेना के बेड़े में एक नई पनडुब्बी और 12 नए युद्धपोत शामिल किए गए, जिनमें INS उदयगिरी भारतीय नौसेना का 100वां युद्धपोत बनकर एक खास उपलब्धि साबित हुआ।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की तैयारियां कभी कम नहीं होतीं। भारतीय नौसेना का हर जहाज और हर जवान हर क्षण तैयार है चाहे ऑपरेशन सिंदूर हो, लाल सागर में सुरक्षा मिशन, समुद्री डाकुओं की गिरफ्तारी या मानवीय सहायता अभियान।






