कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व BJP सांसद निशिकांत दुबे (फोटो- सोशल मीडिया)
Nishikant Dubey Attack on Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘जेन Z’ के सपोर्ट वाले बयान पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया। राहुल गांधी ने देश के युवाओं को लोकतंत्र और संविधान का रक्षक बताया और उन्हें सपोर्ट में खड़ा होने का आव्ह्नान किया, वहीं इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने उन पर पलटवार किया है। दुबे ने कांग्रेस की पीढ़ियों की राजनीति और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी को ही देश छोड़ने की तैयारी करने की सलाह दे डाली है, जिससे सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई है।
दरअसल ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर “वोट चोरों के संरक्षक” होने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि देश की युवा पीढ़ी, यानी ‘जेन Z’, अब वोट चोरी को रोकेगी और संविधान की रक्षा करेगी। उन्होंने इस लड़ाई में युवाओं के साथ खड़े रहने का वादा किया। इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता पर जोरदार हमला बोला और कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
Gen Z परिवार वाद के खिलाफ है
1.वह नेहरु जी,इंदिरा जी,राजीव जी,सोनिया जी के बाद राहुल जी को क्यूँ बर्दाश्त करेगा?…
2. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है, आपको क्यूँ नहीं भगाएगा?
3. वह बांग्लादेश में इस्लामिक राष्ट्र तथा नेपाल में हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है,वह भारत को हिंदू राष्ट्र क्यूँ… https://t.co/Rbdt6g82Ou— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) September 18, 2025
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के पोस्ट का जवाब देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “Gen Z परिवारवाद के खिलाफ है। वह नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव जी, सोनिया जी के बाद राहुल जी को क्यों बर्दाश्त करेगा? वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है, आपको क्यों नहीं भगाएगा?” दुबे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे लिखा, “वह बांग्लादेश में इस्लामिक राष्ट्र तथा नेपाल में हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है, वह भारत को हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं बनाएगा? देश छोड़ने की आप करो तैयारी आ रहे हैं…” उनके इस ट्वीट ने राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।
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इससे पहले राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक का उदाहरण देते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में लगभग 6800 वोटों को सुनियोजित तरीके से डिलीट कर दिया गया। उनके अनुसार, जब कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीने में 18 पत्र लिखकर चुनाव आयोग से जवाब मांगा, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जो आयोग की मिलीभगत को दर्शाता है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को तुरंत खारिज करते हुए उन्हें गलत और आधारहीन बताया था। आयोग ने स्पष्ट किया कि वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं हो सकते और इसकी एक तय प्रक्रिया है।