विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणदीप जायसवाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Nimisha Priya Death Case: केरल की नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी अब भारत सरकार की कोशिशों पर टिकी है। यमन में हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए जाने के बाद अब इस सजा पर फिलहाल के लिए तो रोक लग गई है। भारत सरकार ने इस मामले को “संवेदनशील” बताया है और हर संभव मदद देने की बात कही है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने वकील की नियुक्ति, कांसुलर दौरे और परिवार की मदद के साथ-साथ मित्र देशों की सरकारों से भी बातचीत शुरू कर दी है।
निमिषा प्रिया का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि यह एक मानवीय मुद्दा है और भारत सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है। मंत्रालय ने कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वहां पर वकील नियुक्त किया है और यमन की सरकार के साथ लगातार बातचीत जारी है। भारत की कोशिशों से 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी को अस्थायी तौर पर टाल दिया गया था।
#WATCH | Delhi | On the case of Nimisha Priya, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, “… The government of India has been offering all possible assistance. We have provided legal assistance and appointed a lawyer to assist the family… We are also in touch with local… pic.twitter.com/AFEm2CfOBK
— ANI (@ANI) July 17, 2025
भारत सरकार की सक्रियता से बदला पूरा घटनाक्रम
निमिषा प्रिया यमन में एक क्लीनिक चलाती थीं, जिसे उन्होंने अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर खोला था। लेकिन समय के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ा और तलाल ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जब निमिषा ने भारत लौटने के लिए पासपोर्ट मांगा, तो तलाल ने इनकार कर दिया। बताया जाता है कि तलाल को बेहोश कर पासपोर्ट लेने के प्रयास में उसे बेहोशी की दवाई अधिक मात्रा में नशीली दवा दे दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद यमनी अदालत ने निमिषा को हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना दी।
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मित्र देशों की भूमिका भी बनी उम्मीद की किरण
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार इस संवेदनशील मामले में हर मोर्चे पर प्रयास कर रही है। यमन सरकार से बातचीत के साथ-साथ कुछ मित्र देशों की सरकारों से भी संपर्क किया गया है ताकि मानवीय आधार पर राहत मिल सके। भारत सरकार ने निमिषा के परिवार को दूसरे पक्ष से आपसी सहमति से समाधान निकालने का अवसर देने के लिए समय दिलवाया है। इसका असर यह हुआ कि यमन प्रशासन ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी को फिलहाल रोक दिया है। सरकार की कोशिश है कि इस मामले का हल कूटनीतिक और मानवीय दोनों पहलुओं से निकाला जा सके।