अमित शाह (फोटो- शोसल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आयोजित सीएनएन-न्यूज18 राइजिंग भारत समिट 2025 में भारत के विभाजन को लेकर कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के लिए आम मुसलमान नहीं, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस नेताओं की तुष्टीकरण की नीति जिम्मेदार है। अमित शाह का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उसी मंच से दिए गए एक दिन पहले के वक्तव्य की पुष्टि करता है, जिसमें पीएम मोदी ने भी कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
अमित शाह ने कहा, “1946 के प्रांतीय चुनावों में मुस्लिम लीग को उन क्षेत्रों में भी हार का सामना करना पड़ा, जो बाद में पाकिस्तान बने। यह दर्शाता है कि उस समय आम मुस्लिम जनता बंटवारे के पक्ष में नहीं थी।” उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी जी बिल्कुल सही कहते हैं कि विभाजन के लिए कांग्रेस नेताओं की तुष्टीकरण की नीति जिम्मेदार है।”
जब शाह से यह पूछा गया कि कांग्रेस के किन नेताओं को विभाजन का दोषी माना जाए, तो उन्होंने कहा, “किसी एक नेता को चिन्हित करना मुश्किल है, लेकिन यह तय है कि कांग्रेस ने ही जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया। जब कोई निर्णय लेता है तो वही आगे नेता बनता है। हमारे यहां मोदी जी सबसे ऊपर हैं, इसलिए वह प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस ने उस समय नेहरू जी को प्रधानमंत्री बनाया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह कहा था कि भारत का विभाजन सामान्य मुस्लिम परिवारों की सोच नहीं थी, बल्कि “कुछ कट्टरपंथी सोच वाले लोगों की देन थी, जिन्हें कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सत्ता की लालसा में बढ़ावा दिया।”
इस कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने देश के युवाओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़े तो बाकी सब सहन कर लो, लेकिन तुष्टीकरण की इस जहरीली सोच को कभी बर्दाश्त मत करना। युवा पीढ़ी को इस मानसिकता को जड़ से उखाड़ कर देश से बाहर फेंक देना चाहिए।”
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उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी तुष्टीकरण की नीति को अपनाता है, वह देशहित के खिलाफ काम कर रहा है। शाह ने यह भी कहा कि “देश को आगे बढ़ाने के लिए धर्म और जाति के आधार पर राजनीति को खत्म करना जरूरी है। तुष्टीकरण से केवल विभाजन, असमानता और भेदभाव बढ़ता है।”