लौह पुरुष की जयंती पर कांग्रेस का BJP-RSS पर बड़ा हमला (फोटो- सोशल मीडिया)
Congress Slam BJP on Sardar Patel Misuse: राष्ट्रीय एकता दिवस, यानी सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर, कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि अगर देश के पहले गृह मंत्री आज जीवित होते, तो वे यह देखकर हैरान हो जाते कि उनका किस तरह से गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर इशारा करते हुए उन पर 2014 से लगातार इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2014 से दो लोगों का समूह (जी2) और उनका तंत्र इतिहास को बेधड़क विकृत और गलत तरीके से पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पटेल जैसे निस्वार्थ नेता उनके इस गलत इस्तेमाल से जरूर हैरान हो जाते। रमेश ने कहा कि यह वही विचारधारा है जिसने स्वतंत्रता संग्राम या संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं निभाई और, खुद पटेल के शब्दों में, इसने ऐसा माहौल बनाया जिसने 30 जनवरी 1948 (महात्मा गांधी की हत्या) की खौफनाक त्रासदी को संभव बना दिया।
आज जब राष्ट्र सरदार पटेल @ 150 जयंती मना रहा है, हमें यह भी याद करना चाहिए- 1. 13 फ़रवरी 1949 को जवाहरलाल नेहरू ने गोधरा में सरदार पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण किया, जहाँ से भारत के लौह पुरुष ने अपनी वकालत शुरू की थी। उस अवसर पर पंडित नेहरू का दिया गया भाषण बार-बार पढ़ा जाना… pic.twitter.com/NhoV9faBsk — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 31, 2025
जयराम रमेश ने नेहरू और पटेल के मजबूत रिश्तों को याद दिलाते हुए भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि आज जब राष्ट्र सरदार पटेल को याद कर रहा है, तो हमें यह भी याद रखना चाहिए कि 13 फरवरी 1949 को जवाहर लाल नेहरू ने ही गोधरा में सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया था। रमेश ने कहा कि नेहरू के उस भाषण को दोबारा पढ़ा जाना चाहिए, ताकि उनकी तीन दशकों से अधिक की मजबूत और गहरी साझेदारी को समझा जा सके। उन्होंने याद दिलाया कि पटेल की 75वीं जयंती पर भी नेहरू ने कहा था कि पटेल ने देश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला और राष्ट्रीय गतिविधियों में उनके साथ तीस वर्षों का साथ साझा किया।
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 19 सितंबर 1963 को तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने नई दिल्ली के प्रमुख गोल चौराहे पर सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया था। उस समय नेहरू भी वहां मौजूद थे और उन्होंने ही मूर्ति के लिए ‘भारत की एकता के शिल्पकार’ जैसा सरल लेकिन शक्तिशाली शब्द चुना था। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि 31 अक्टूबर 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की शताब्दी वर्ष समापन समारोह की अध्यक्षता की थी और उनके योगदानों को व्यापक रूप से याद किया था। 1875 में गुजरात के नाडियाड में जन्मे पटेल को राष्ट्र के एकीकरण के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता के लिए ‘भारत का लौहपुरुष’ कहा जाता है।