सोनिया गांंधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सुर्खियों में है। ED ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायत दर्ज करा दी है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा का नाम शामिल है।
यह मामला देश की सियासी टेंप्रेचर को एक बार फिर हाई कर दिया है। ED की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ी हुई है, जिसमें इन नेताओं पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों के गबन का आरोप लगाया गया है।
नेशनल हेराल्ड केस की जड़ें आजादी के दौर में शुरू हुईं थीं। इस अखबार की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, जो बाद में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के तहत चलने लगा। कांग्रेस ने 2010 में AJL की 90 करोड़ रुपये की देनदारी को ‘यंग इंडियन’ नामक कंपनी को सौंप दिया, जिसमें राहुल और सोनिया गांधी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ED का आरोप है कि यंग इंडियन के जरिए AJL की संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लिया गया। ध्यान देने वाली बात यह है कि मौजूदा समय में इन संपत्तियों की बाजार में कीमत लगभग 5000 करोड़ रुपये है।
ED ने इस पूरे लेन-देन को मनी लॉन्ड्रिंग करार देते हुए अदालत में विस्तृत शिकायत दर्ज की है। इस चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और सैम पित्रोदा ने मिलकर यंग इंडियन कंपनी के माध्यम से सरकारी संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया और इससे निजी लाभ कमाया।
आज, 25 अप्रैल 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस केस की सुनवाई होनी है। अदालत यह तय करेगी कि आरोपों पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। अगर कोर्ट ने संज्ञान लिया, तो इन नेताओं को समन जारी किया जा सकता है और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार ED और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को बदनाम करने और डराने का काम कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला पहले ही अदालत में कई बार सुनवाई के दौर से गुजर चुका है और इसमें कुछ भी नया नहीं है।
यह मामला आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है। विपक्ष इसे सरकार की तानाशाही नीति करार दे रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम बता रहा है। ऐसे में अदालत की आज की सुनवाई पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।
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अगर कोर्ट ने आरोपों को स्वीकार कर लिया, तो यह कांग्रेस पर गाज गिर सकती है और पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है और आगामी राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। वहीं अगर कांग्रेस को राहत मिलती है, तो इसे पार्टी के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जाएगा।