
ओडिशा में भारी बारिश से भूस्खलन (pic credit; social media)
ओडिशा: क्योंझर जिले में एक खदान से अवैध रूप से मैंगनीज निकालने के दौरान भारी बारिश से हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई। यह घटना मंगलवार को जोडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिचाकुंडी दालपहाड़ के पास स्थित एक मैंगनीज खदान में उस समय घटी, जब कुछ लोग अवैध रूप से खनिज निकालने में लगे थे। इस हादसे से संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध खनन की चिंता बढ़ गई है। वहीं कई जगह भूस्खलन हुआ है। ओडिशा के कई इलाकों में अभी भी भारी बारिश शुरू है।
पश्चिम रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) बृजेश कुमार राय ने बताया कि एक शव रात करीब दो बजे बरामद किया गया, जबकि अन्य दो शव बुधवार सुबह निकाले गए। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि यह खदान वैतरणी आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जब तीनों व्यक्ति अवैध खनन कर रहे थे, तभी मिट्टी का एक हिस्सा अचानक धसक गया। मृतकों की पहचान संदीप पूर्ति (32), कांदे मुंडा (19) और गुरु चाम्पिया (18) के रूप में हुई है। तीनों क्योंझर जिले के जोडा थाना क्षेत्र के बिचाकुंडी गांव के निवासी थे। क्योंझर जिले में लगातार भारी बारिश के बीच छह घंटे चले बचाव अभियान के बाद शवों को बाहर निकाला गया।
संवेदनशील इलाकों में खनन
यह दुखद घटना एक संरक्षित वन क्षेत्र में हुई। इससे पता चलता है कि संवेदनशील इलाकों में अभी भी अवैध खनन चल रहा है। बार-बार कार्रवाई करने के बाद भी, ऐसी गतिविधियां जारी हैं। इनसे लोगों की जान को खतरा है और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। अधिकारियों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
सुंदरगढ़ में नेशनल हाइवे बंद
इस घटना से अवैध खनन को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं सुंदरगढ़ जिले के कोइडा खनन क्षेत्र में भी भूस्खलन हुआ है। भारी बारिश के कारण मिट्टी, पत्थर और पेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 520 पर गिर गए। इससे सड़क बंद हो गई।
तीन पंचायतों का संपर्क टूटा
एक और घटना सिमलीपाल वन्यजीव अभयारण्य में हुई। भारी बारिश के कारण यहां भी भूस्खलन हुआ। जशीपुर-गुड़गुड़िया सड़क बंद हो गई। इससे कम से कम तीन पंचायतों का संपर्क टूट गया है। स्थानीय लोग अलग-थलग पड़ गए हैं। उनके पास सड़क से आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है।
बालासोर में बाढ़ की स्थिति
वन और पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया और उत्तरी सिमलीपाल के उप निदेशक ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने नुकसान का जायजा लिया। बालासोर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। 5000 हेक्टेयर से अधिक खेत बाढ़ से प्रभावित हैं।






