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कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म-मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का आज जहां 32वां दिन है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बीते मंगलवार को डॉक्टरों को मीटिंग के लिए बुलाया था जिसके लिए CM ममता बनर्जी भी पहुंची थीं। डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल का करीब 80 मिनट तक इंतजार करने का बाद ममता बनर्जी चली गईं।
जानकारी दें कि आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने बीते मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने संबंधी सुप्राम कोर्ट के निर्देश की अवज्ञा करते हुए कहा कि वे अपनी मांगें पूरी होने और आरजी कर अस्पताल घटना में जान गंवाने वाली चिकित्सक को न्याय मिलने तक ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। इस बाबत कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था। जूनियर डॉक्टर्स ने काम पर लौटने से ही इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे। इसलिए डेडलाइन खत्म होने के बाद भी उनका प्रदर्शन जारी रहा है।
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इसके साथ ही, आंदोलनकारी डॉक्टर्स ने आरजी कर अस्पताल मुद्दे पर गतिरोध दूर करने के लिए राज्य सचिवालय में वार्ता के वास्ते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निमंत्रण को ई-मेल की भाषा पर आपत्ति जताते हुए मंगलवार को इसे ठुकरा दिया।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को न मानते हुए डॉक्टरों ने बीते 10 सितंबर को स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। जो रात भर चला। इस दौरान पीड़ित के माता-पिता भी पहुंचे। वहीं पीड़ित की मां ने कहा कि मेरे हजारों बच्चे आज सड़कों पर हैं। इसलिए मैं घर पर नहीं रह सकती थी। मुख्यमंत्री ने त्योहार में शामिल होने के लिए कहा था, अब यही मेरा त्योहार है।
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इधर राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम द्वारा प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को भेजे गए एक ईमेल में कहा गया था कि , ‘‘आपका छोटा प्रतिनिधिमंडल (अधिकतम 10 व्यक्ति) अब सरकारी प्रतिनिधियों से मिलने के लिए ‘नबान्न’ का दौरा कर सकता है।” आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों में से एक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि निगम से मेल प्राप्त करना “हमारे लिए अपमान” है, क्योंकि आंदोलनरत चिकित्सक आरजी कर अस्पताल के मुद्दे पर उनका इस्तीफा मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें राज्य सचिवालय से कोई मेल नहीं आया है। हमें राज्य के स्वास्थ्य सचिव से मेल मिला, जिनका हम इस्तीफा चाहते हैं। यह अपमान है। राज्य सरकार ने बैठक के लिए प्रतिनिधियों की संख्या 10 तक सीमित कर दी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विरोध प्रदर्शन और हमारा ‘काम बंद’ जारी रहेगा।”
इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने और संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डालने को लेकर 51 चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है और उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। जानकारी हो कि पूरे पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर्सआरजी कर अस्पताल की उस परास्नातक प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर अपना ‘काम बंद’ किए हुए हैं, जिसकी पिछले महीने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।(एजेंसी इनपुट के साथ)