ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मारे गए आतंकियों की जानकारी (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकवाद के नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है। इस सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कई टॉप कमांडर मारे गए, जिनकी पूरी कुंडली अब सामने आई है। सेना की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक 6-7 मई की रात को की गई इस कार्रवाई में कई खतरनाक और पुराने आतंकियों को निशाना बनाया गया, जो भारत में आतंकी हमलों की साजिशें रचते रहे हैं। ऑपरेशन की सफलता ने यह साफ कर दिया है कि अब भारत सीमा पार छिपे आतंकियों को छोड़ने वाला नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े दस्तावेजों से यह सामने आया है कि भारत ने आतंक के गढ़ माने जाने वाले बहावलपुर, मुरीदके और पीओके में सक्रिय आतंकी कैंपों पर हमला किया। इसमें तीन प्रमुख कैंपों को चुनकर उनके भीतर मौजूद टॉप आतंकियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई सिर्फ जवाबी हमला नहीं बल्कि भारत की रणनीतिक तैयारी और इरादों की मजबूती का संकेत है। इस ऑपरेशन से आतंक के नेटवर्क को गहरा नुकसान पहुंचा है।
मुरीदके कैंप लश्कर के दो खूंखार कमांडर खत्म किए
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा के दो बड़े चेहरों को मार गिराया गया। खालिद उर्फ अबू अकाशा, जो अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवाद में शामिल रहा था, हाल ही में मुरीदके मुख्यालय में शिफ्ट होकर सेंट्रल कमेटी का हिस्सा बन गया था। दूसरा नाम है मुदस्सिर खड़ियां खास उर्फ अबू जुंदाल, जो मुरीदके कैंप का प्रमुख था और आतंकी संगठनों के कई बड़े चेहरों के साथ काम कर रहा था।
सैयदना बिलाल और बहावलपुर: जैश के गढ़ में धावा
पीओके में मौजूद सैयदना बिलाल कैंप में जैश-ए-मोहम्मद के मोहम्मद हसन खान को निशाना बनाया गया, जो जैश के ऑपरेशनल कमांडर का बेटा था और पुलवामा हमले से जुड़े आतंकियों के संपर्क में था। वहीं पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के हेडक्वार्टर पर हमला कर हाफिज मोहम्मद जमील को मार गिराया गया, जो मसूद अजहर का रिश्तेदार और आतंकी गतिविधियों का मुख्य संचालक था। यह दिखाता है कि भारत ने सिर्फ टारगेट नहीं चुने, बल्कि रणनीतिक रूप से पूरे नेटवर्क को कमजोर करने की योजना पर काम किया।