गौतम अडानी (फोटो- नवभारत डिजाइन)
नयी दिल्ली: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी इस बार बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। अमेरिका में अडानी सहित 8 लोगों पर अरबों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) का घूस देने की योजना बनाई थी। यह पूरा मामला अडानी की ग्रीन एनर्जी लिमिडेट और एक अन्य फर्म से जुड़ी हुई है।
वहीं इस मामले में बची खुची कसर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूरी कर दी। गांधी ने अमेरिका में गौतम अडानी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अडानी 2 हजार करोड़ का घोटाला कर बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि पीएम मोदी उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस मुद्दे को वह संसद में जोर-शोर से उठाएंगे।
गौरतलब है कि गौतम अडानी इससे पहले कई मुश्किलों से गुजर चुके हैं। यह पहली मरतबा नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है इस बार उद्योगपति गौतम बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। जिससे बच पाना उनका लगभग नामुमकिन है।
खतरों से भरा रहा अडानी का जीवन
उद्योगपति गौतम अडानी का 1998 में डाकुओं ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था। इसके लगभग 11 साल बाद 26 नवंबर 2008 को आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया, तो वह समुद्र के किनारे स्थित ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों में से एक थे। बचपन में ही स्कूल छोड़ने वाले गौतम अडानी की संकटों से निपटने की क्षमता और उनके कारोबारी कौशल ने उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में पहुंचा दिया है।
आरोपों से बड़े नुकसान की आशंका
अमेरिकी अभियोजकों ने उनपर और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य लोगों पर सौर ऊर्जा अनुबंधों की अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है, जिससे उनके समूह को दो अरब डॉलर का मुनाफा कमाने में मदद मिल सकती थी। अडानी की सूचीबद्ध कंपनियों के बृहस्पतिवार को 26 अरब डॉलर डूब गए, जो बाजार मूल्य के हिसाब से एक दिन का सबसे बड़ा नुकसान है। यह नुकसान अमेरिका की शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद हुए नुकसान का लगभग दोगुना है।
मुंबई में हीरा छांटते थे अडानी
गौतम अडानी का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में हुआ था। वह कपड़ा कारोबारी शांतिलाल अडानी और शांता अडानी की आठ संतानों में से सातवें हैं। स्कूल छोड़ने के बाद अडानी 16 साल की उम्र में मुंबई चले गए, जहां उन्होंने कुछ समय तक रत्न कारोबार में हीरा छांटने का काम किया। वह 1981 में अपने बड़े भाई महासुखभाई की मदद करने के लिए गुजरात लौट आए, जिन्होंने अहमदाबाद में परिवार द्वारा खरीदी गई एक छोटी-सी पीवीसी फिल्म फैक्टरी चलाई। साल 1988 में उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट्स के नाम से एक जिंस कारोबारी उद्यम स्थापित किया और 1994 में इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया। अब इस फर्म का नाम अडानी एंटरप्राइजेज है।
बंदूक की नोक पर हुआ था अडानी का अपहरण
एक जनवरी, 1998 को अदाणी और उनके सहयोगी शांतिलाल पटेल को अहमदाबाद में कर्णावती क्लब से कार से निकलने के बाद बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया गया। उन्हें कथित तौर पर गैंगस्टर फजलू रहमान और भोगीलाल दर्जी उर्फ मामा (जिन्हें बाद में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया) ने 15-20 लाख डॉलर की फिरौती के लिए पकड़ा था। दोनों को अगले दिन छोड़ दिया गया। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया कि फिरौती दी गई या नहीं।
26/11 हमले में 15 फुट की दूरी पर देखी मौत
गौतम अडानी 26 नवंबर, 2008 को दुबई पोर्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहम्मद शराफ के साथ मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल में भोजन कर रहे थे। बिलों का भुगतान करने के बाद जब वह बाहर निकलने वाले थे, तो कुछ सहयोगियों ने कॉफी पर दूसरी बार बैठक के लिए बुलाया। तभी आतंकवादियों ने होटल पर हमला कर दिया। इस हमले में लगभग 160 लोग मारे गए थे। अडानी को अन्य मेहमानों के साथ पहले होटल के रसोईघर में तथा फिर कर्मचारियों द्वारा भूमिगत तल में ले जाया गया। बाद में उन्होंने कहा था कि यदि वह रात्रिभोज का बिल चुकाने के बाद बाहर निकल जाते तो वह भी हमले में नहीं फंसते। अडानी ने रात भूमिगत तल में और फिर एक हॉल में बिताई, उसके बाद अगली सुबह ‘कमांडो’ ने उन्हें बचाया। अदाणी ने 27 नवंबर को अपने निजी विमान से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कहा था, “मैंने मौत को सिर्फ 15 फुट की दूरी पर देखा।”
हिंडनबर्ग ने पहुंचाया अडानी को बड़ा नुकसान
शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया कि अदाणी समूह ‘दशकों से शेयर बाजार में हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी योजना में शामिल रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने इलेक्ट्रिक-वाहन विनिर्माता निकोला और लॉर्डस्टाउन मोटर्स को बंद करवा कर दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया था। अडानी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और अडानी एंटरप्राइजेज में मेगा शेयर बिक्री को विफल करने के ‘लापरवाह’ प्रयास के लिए हिंडनबर्ग पर मुकदमा करने की धमकी दी। हालिया आरोप उनकी सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। सभी कानूनी कार्रवाइयों की तरह अडानी को तब तक निर्दोष माना जाएगा जब तक कि वह दोषी साबित न हो जाएं, लेकिन तबतक समूह पर दबाव बना रह सकता है।