(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Adani Group: देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह अडानी ग्रुप ने सोमवार को उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें यह दावा किया गया था कि ग्रुप को सीमेंट प्लांट के लिए असम के दीमा हसाओ जिले में राज्य सरकार से 3,000 बीघा भूमि आवंटित हुई है। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर पोस्ट एवं अदालती सुनवाई के क्लिप प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि असम सरकार ने दीमा हसाओ जिले में अडानी समूह को सीमेंट प्लांट के लिए 3,000 बीघा जमीन आवंटित की है।
अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि ये रिपोर्ट निराधार, झूठी और भ्रामक हैं। अडानी ग्रुप का नाम महाबल सीमेंट से जोड़ना शरारतपूर्ण है। महाबल सीमेंट किसी भी तरह से अडानी ग्रुप से संबंधित या जुड़ी हुई नहीं है।
अडानी समूह के प्रवक्ता ने बयान के अंत में कहा कि हम मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और आम जनता से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे दावे करने या साझा करने से पहले तथ्यों की पुष्टि कर लें। असत्यापित और भ्रामक सामग्री का प्रसार न केवल जनता को गलत जानकारी देता है, बल्कि अनावश्यक भ्रम भी पैदा करता है। अडानी ग्रुप अन्य क्षेत्रों के साथ सीमेंट सेक्टर में भी कारोबार करता है और अंबुजा सीमेंट्स एवं एसीसी का संचालन करता है।
अंबुजा सीमेंट्स का अप्रैल-जून अवधि में मुनाफा सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 970 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 783 करोड़ रुपए पर था। इस दौरान कंपनी की आय भी सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 10,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। नतीजों के बाद अंबुजा सीमेंट्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए हमें उम्मीद है कि सीमेंट की मांग 7-8 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगी, जिसे मजबूत ग्रामीण और शहरी मांग, इन्फ्रास्ट्रक्चर के खर्च में मामूली बढ़ोतरी और आवास एवं रियल एस्टेट में स्थिर सुधार का समर्थन प्राप्त होगा। वहीं, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स की सहायक कंपनी है।
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गुवाहाटी हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान की एक रिकॉर्डिंग सामने आई है, जिसमें जज काफी नाराज नजर आ रहे हैं। दरअसल, असम के आदिवासी बहुल जिले दीमा हसाओ में करीब 3,000 बीघा भूमि महाबल सीमेंट्स नाम की कंपनी को आवंटित की गई है। ये मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो बेंच ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। इसी महाबल सीमेंट्स को अडानी के नाम के साथ जोड़ा जा रहा था। हालांकि, कंपनी ने साफ कर दिया है कि महाबल सीमेंट्स के साथ उनका कोई संबंध नहीं है।