कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र व पूर्व सीएम येदियुरप्पा व गृह मंत्री अमित शाह
बेंगलूरु: कर्नाटक बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। राज्य में पार्टी के प्रदर्शन और विपक्ष को घेरने में विफलता को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र पर सवाल उठ रहे हैं। विजयेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं और मई 2023 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन अब पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनके नेतृत्व से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं, जिससे संगठन में बदलाव की संभावना गहराती जा रही है।
बीजेपी की राज्य इकाई को लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि वह कांग्रेस सरकार को मजबूत विपक्ष की तरह नहीं घेर पा रही। जातिगत सर्वे, भ्रष्टाचार के आरोप और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेरने के कई मौके बीजेपी के हाथ से निकल गए। इस निष्क्रियता को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी की चर्चा है। डीवी सदानंद गौड़ा जैसे वरिष्ठ नेता पहले ही सार्वजनिक रूप से पार्टी में गुटबाजी और असंतोष का मुद्दा उठा चुके हैं।
लिंगायत वोट बैंक के कारण फंसा है मामला
बीवाई विजयेंद्र लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक बीजेपी का मजबूत वोट बैंक रहा है। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व के लिए उन्हें हटाना आसान नहीं है। यदि उन्हें हटाया गया तो इससे लिंगायत समुदाय की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, जो पार्टी के लिए 2026 के चुनावी गणित में भारी पड़ सकती है। हालांकि, विजयेंद्र का दावा है कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रहते अच्छा काम किया है और दिल्ली दौरा भी व्यक्तिगत कारणों से हुआ था।
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संगठन में बदलाव या रणनीति में सुधार
बीजेपी ने हाल ही में बागी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को पार्टी से बाहर कर एक सख्त संदेश जरूर दिया है, लेकिन इससे यह संकेत नहीं मिला कि विजयेंद्र को हटाया जाएगा। पार्टी को अब नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करना है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या हाईकमान कोई बड़ा बदलाव करता है या फिर नेतृत्व में सुधार कर संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय नेतृत्व के लिए विजयेंद्र को हटाना काफी मुश्किल होगा क्योंकि इससे पार्टी को लिंगायत समुदाय की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है जो कर्नाटक में उसका भरोसेमंद समर्थक माना जाता है। विजयेंद्र इसी समुदाय से आते हैं। अब देखना यह है कि बीजेपी नेतृत्व कर्नाटक के संगठन में बदलाव करेगा या विजयेंद्र अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे।