
केंद्रीय मंत्री सिंधिया
Sanchar Sathi App Controversy: फोन कंपनियों को संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के निर्देशों के बाद शुरू हुए विरोध पर सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भ्रम दूर करते हुए कहा कि विपक्ष संचार साथी ऐप को लेकर लोगों को गुमराह कर रहा है। यह पूरी तरह से ऐच्छिक है—आप इसे रखना चाहें या न चाहें, यह आपकी मर्जी पर निर्भर है। इसे हटाया भी जा सकता है; यह किसी भी तरह अनिवार्य ऐप नहीं है।
सिंधिया ने कहा कि यह ऐप केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस ऐप को एक “जासूसी ऐप” जैसा करार देते हुए कहा था कि नागरिकों को प्राइवेसी का संवैधानिक अधिकार है। हर व्यक्ति को बिना सरकारी निगरानी के अपने परिवार और दोस्तों को संदेश भेजने का अधिकार मिलना चाहिए।
#WATCH | Delhi | On the debate around Sanchar Saathi app, Union Minister for Communications Jyotiraditya Scindia says, “When the opposition has no issues, and they are trying to find some, we cannot help them. Our duty is to help the consumers and ensure their safety. The Sanchar… https://t.co/Kr3juNrGFq pic.twitter.com/npwm9R1Kf2 — ANI (@ANI) December 2, 2025
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियों और आयातकों को निर्देश दिया है कि 90 दिनों के भीतर सभी नए उपकरणों में धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग करने वाला संचार साथी ऐप पहले से मौजूद हो। यह निर्देश 28 नवंबर को जारी किया गया था।
विपक्ष की ओर से इसकी आलोचना शुरू हो गई। CPI-M सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि संचार साथी ऐप लोगों की निजता में सीधा हस्तक्षेप है और सुप्रीम कोर्ट के 2017 के पुट्टास्वामी फैसले का उल्लंघन करता है।
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संचार साथी पोर्टल और ऐप नागरिकों को आईएमईआई नंबर के जरिए मोबाइल की वास्तविकता जांचने की सुविधा देता है। डुप्लीकेट या स्पूफ्ड आईएमईआई साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। कई बार एक ही आईएमईआई अलग-अलग डिवाइसों पर एक साथ दिखाई देता है, जिससे कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।






