
भारत के खिलाफ जैश की खौफनाक साजिश (फोटो- सोशल मीडिया)
Jaish-e-Mohammed Women Wing Dark Truth in India: जरा सोचिए, महज 500 रुपये और 40 मिनट की एक ऑनलाइन क्लास, क्या किसी सामान्य महिला को चलता-फिरता मानव बम (सुसाइड बॉम्बर) बनाने के लिए काफी है? यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा देने वाली हकीकत है। भारतीय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी नई महिला विंग ‘जमात उल मोमिनात’ के जरिए 5,000 से ज्यादा महिलाओं की फौज तैयार कर ली है। डिजिटल दुनिया की आड़ में ब्रेन वॉश का यह खेल इतनी तेजी से चल रहा है कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है।
जैश सरगना मसूद अजहर ने खुद एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि संगठन में महिलाओं की भर्ती की रफ्तार बहुत तेज है। अजहर के मुताबिक, भर्ती होते ही इन महिलाओं की सोच बदल जाती है और उन्हें कथित तौर पर ‘जिंदगी का मकसद’ समझ आ जाता है। इस नेटवर्क को संभालने के लिए अब जिला स्तर पर यूनिट्स बनाई जा रही हैं, जिनकी कमान एक मैनेजर यानी ‘मुंतजामा’ के हाथ में होगी। 8 अक्टूबर को जैश के हेडक्वार्टर मरकज उस्मान-ओ-अली से शुरू हुए इस अभियान में पाकिस्तान के बहावलपुर, मुल्तान, कराची और मुजफ्फराबाद जैसे शहरों से महिलाओं को जोड़ा गया है।
इस पूरी साजिश का ब्लूप्रिंट दुनिया के खूंखार आतंकी संगठनों आईएसआईएस, हमास और लिट्टे की कार्यशैली से मिलता-जुलता है। सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि 40 मिनट की इन ऑनलाइन कक्षाओं का एकमात्र मकसद महिलाओं को पूरी तरह रेडिकलाइज करना है। मसूद अजहर की बहन सादिया इस विंग को चला रही है, जिसका लक्ष्य फिदायीन हमलों के लिए एक खतरनाक ब्रिगेड तैयार करना है। हर सदस्य से ली जाने वाली 500 रुपये की फीस इसे एक संगठित मॉड्यूल का रूप देती है, जो बेहद गुपचुप तरीके से अपना जाल फैला रहा है।
यह भी पढ़ें: ‘मेरे पिता को शक पर मुझे पूरा भरोसा’, EVM पर बाप-बेटे में रार; उमर ने बताई कांग्रेस के साथ की मजबूरी
जमात उल मोमिनात का नाम तब सुर्खियों में आया जब पिछले महीने दिल्ली में हुए एक कार ब्लास्ट में 13 लोगों की जान चली गई थी। जांच की आंच तब और तेज हुई जब दिल्ली से सटे फरीदाबाद से डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे। जांचकर्ताओं को पता चला है कि डॉ. शाहीन का सीधा संबंध जैश की इसी आतंकी विंग से था। यह खुलासा साबित करता है कि सरहद पार रची जा रही यह साजिश अब हमारे शहरों तक पहुंच चुकी है और 5000 महिलाओं का यह दस्ता भारत की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।






