इसरो का सैटेलाइट। इमेज-सोशल मीडिया
SSLV Test: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की सॉलिड मोटर स्टैटिक टेस्ट फैसिलिटी में एसएसएलवी (SSLV) के तीसरे चरण के अपग्रेड वर्जन का सफल स्टैटिक परीक्षण कर लिया है। इसरो के मुताबिक परीक्षण मंगलवार को किया गया। संस्थान ने कहा कि स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) इसरो की ओर से विकसित 3 चरणों वाला एक पूर्ण ठोस प्रक्षेपण यान है। यह औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयुक्त और प्रक्षेपणों के बीच कम समय अंतराल के साथ मांग के अनुसार प्रक्षेपण कर सकता है।
इसरो ने यह भी कहा कि ऊपरी चरण या तीसरे चरण की ठोस मोटर प्रक्षेपण यान को 4 किलोमीटर प्रति सेकंड तक का वेग प्रदान करती है। इसमें एक अखंड मिश्रित मोटर केस और चरण के निष्क्रिय द्रव्यमान को सीमित करने को एक स्वतंत्र नोजल डायवर्जेंट का उपयोग किया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि स्थैतिक परीक्षण में कार्बन एपॉक्सी मोटर केस वाले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SS3) के तीसरे चरण के उन्नत संस्करण की पुष्टि की गई है। इससे चरण का द्रव्यमान काफी कम हो गया है। इसके परिणामस्वरूप एसएसएलवी की पेलोड क्षमता में 90 किलोग्राम का सुधार हुआ है।
ISRO ने बताया कि इस चरण में इग्नाइटर और नोजल सिस्टम के लिए भी उन्नत डिजाइन का उपयोग किया गया है। इससे सिस्टम अधिक कुशल और मजबूत बन गया। नोजल नियंत्रण एक फॉल्ट-टॉलरेंट इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्चुएशन सिस्टम द्वारा किया जाता है। इसमें कम बिजली खपत करने वाले नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कहा गया है कि उच्च शक्ति वाले कार्बन फिलामेंट वाउंड मोटर केस का निर्माण विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की कंपोजिट इकाई में किया गया। वही, सॉलिड मोटर की ढलाई सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के सॉलिड मोटर उत्पादन संयंत्र में की गई।
संस्थान ने कहा है कि 108 सेकंड की परीक्षण अवधि के दौरान सभी मापे गए पैरामीटर अनुमानों के लगभग समान मिले। इस सफल स्थैतिक फायरिंग परीक्षण के साथ एसएस3 मोटर का एडवांस संस्करण उड़ान में शामिल किए जाने के लिए योग्य है। इसरो के मुताबिक इस वर्ष अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए सॉलिड मोटर्स के निर्माण की क्षमता बढ़ाने के लिए देश में कई संयंत्र चालू किए गए। जुलाई में क्षमता बढ़ाने के लिए श्रीहरिकोटा में सॉलिड मोटर उत्पादन संयंत्र चालू किए गए।
यह भी पढ़ें: Year Ender 2025: इसरो ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, इन 8 उपलब्धियों से दुनिया में बजा भारत का डंका
यह भी बताया कि सॉलिड मोटर्स के लिए आवश्यक प्रमुख घटक की उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए सितंबर में अलवाय स्थित अमोनियम परक्लोरेट संयंत्र में अमोनियम परक्लोरेट की दूसरी उत्पादन लाइन चालू की गई। एसडीएससी में सॉलिड मोटर उत्पादन लाइन के लिए स्वदेशी 10 टन वर्टिकल मिक्सर को इस वर्ष चालू किया गया, जो दुनिया का सबसे बड़ा सॉलिड प्रोपेलेंट मिक्सिंग उपकरण है।