फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास में इजरायल के सहयोग से एक नया जल प्रौद्योगिकी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए इजरायल और भारत के बीच मंगलवार को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। भारत में स्थित इजरायल दूतावास ने इसे दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर घोषित बताया है।
इजराइल दूतावास, आईआईटी मद्रास और आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय के अमृत मिशन द्वारा हस्ताक्षरित यह त्रिपक्षीय समझौता भारत में जल प्रबंधन की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जल प्रौद्योगिकी केंद्र का उद्देश्य जल प्रौद्योगिकियों में नवाचार, अनुसंधान और क्षमता निर्माण का केंद्र बनना है। इस समझौते के तहत खासतौर पर शहरी जल आपूर्ति के लिए स्थायी समाधानों पर काम किया जाएगा।
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इस पहल को शुरू करने के लिए 5 से 8 अगस्त तक आईआईटी मद्रास में “शहरी क्षेत्रों में 24/7 जल आपूर्ति” पर एक क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि यह सहयोग जल की कमी और प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत और इजरायल की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईआईटी मद्रास में जल प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इजरायल भारत में लाखों लोगों को लाभान्वित करने वाले अभिनव समाधान विकसित करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। यह नया केंद्र सभी के लिए स्थायी जल आपूर्ति प्राप्त करने के भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता होने की उम्मीद है।
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आईआईटी मद्रास में नया जल प्रौद्योगिकी स्थापित करने के लिए इजरायल-भारत में करार को इजरायल दूतावास ने इसे दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर घोषित बताया है। माना जा रहा है कि इस सहयोग से दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में मजबूती आएगी।