सांकेतिक तस्वीर
India Deport Foreign Smugglers: भारत सरकार जल्दी ही नशे की तस्करी के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू करने वाली है। इसके तहर करीब 16, 000 विदेशी तस्करों को भारत से डिपोर्ट किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय इन आरोपियों को उनके मूल देशों में डिपोर्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह कदम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है।
इन विदेशी नागरिकों पर नशीली दवाओं की तस्करी और परिवहन जैसे गंभीर आरोप हैं। फिलहाल इन आरोपियों के देश के विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद करके रखा गया है। इन लोगों की नागरिकता बांग्लादेश, फिलीपींस, म्यांमार, मलेशिया, घाना और नाइजीरिया जैसे देशों से जुड़ी हुई है।
गृह मंत्रालय ने इन सभी आरोपियों की सूची संबंधित जांच और प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दी है। डिपोर्टेशन की प्रक्रिया नए इमिग्रेशन कानून के तहत की जा रही है। यह अभियान देश में नशाखोरी और नशीली दवाओं की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
पिछले दस वर्षों में भारत ने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता हासिल की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में एक करोड़ किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त की गई हैं, जो पिछले दशक की तुलना में काफी अधिक है।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में लोकसभा में यह जानकारी साझा की। पिछले पांच वर्षों में देश के विभिन्न समुद्री बंदरगाहों से ₹11,311 करोड़ मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई हैं। यह जब्ती कुल 19 मामलों में हुई, जिनमें, गुजरात से 8 मामले, महाराष्ट्र से 8 मामले, तमिलनाडु से 1 मामला, पश्चिम बंगाल से 2 मामले शामिल हैं।
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जब्त किए गए मादक पदार्थों में कोकीन, हेरोइन, मेथमफेटामाइन और ट्रामाडोल जैसी खतरनाक ड्रग्स शामिल थीं। यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में दी, जिसमें उन्होंने बंदरगाहों पर ड्रग्स की जब्ती में बढ़ोतरी को लेकर सवाल किया था। सरकार का यह कदम न केवल देश में ड्रग तस्करी पर लगाम लगाने की दिशा में अहम है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क पर भी कड़ा प्रहार करने में मदद मिलेगी।