गृह सचिव गोविंद मोहन (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शनिवार रात गृह सचिव ने पाकिस्तान से सटे राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ आपात बैठक की और सीमा सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हालात को देखते हुए सभी राज्य अलर्ट पर रहें। पाकिस्तान द्वारा सीमा पर संघर्ष विराम तोड़ने और जम्मू-कश्मीर में हुई गोलीबारी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय ने सिविल डिफेंस और अन्य सुरक्षा तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय रखने को कहा है। यह बैठक ऐसे वक्त हुई जब भारत ने पाकिस्तान को दो टूक संदेश देते हुए सेना को सख्ती से जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
इस बैठक में गृह सचिव ने राज्य सरकारों को चेताया कि सीमा पार से किसी भी तरह की गतिविधि या हमले की स्थिति में वे पूरी तरह तैयार रहें। नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा गया और आपात हालात से निपटने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों को तैयार रखने पर बल दिया गया।
गृह मंत्रालय की तैयारी पूरी
बैठक में गृह मंत्रालय ने यह संकेत दिया कि हालात बिगड़ने की स्थिति में सीमावर्ती राज्यों को तुरंत कार्रवाई करनी होगी। सिविल डिफेंस से जुड़े सभी महकमों को अलर्ट मोड में डाल दिया गया है।
पाकिस्तान ने तोड़ा वादा, भारत ने कड़ा रुख दिखाया
भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी रोकने की सहमति बनी थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से फिर से समझौते का उल्लंघन हुआ। जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में हुई गोलीबारी के बाद भारत ने न सिर्फ कड़ा विरोध जताया बल्कि राज्यों को भी सतर्क कर दिया। बता दें यह मीटिंग भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार रात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की।
इस बैठक का उद्देश्य सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना था। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने सभी मुख्य सचिवों को अलर्ट रहने और अपने-अपने राज्यों में नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को सक्रिय करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सीमा पार से कोई गोलीबारी या हमला होता है तो उससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।