केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी शनिवार 1 मार्च को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे जो उस पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली ऐसी बैठक होगी। बता दें कि, मणिपुर में बीते मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है और अब तक वहां 250 लोगों की जान जा चुकी है।
इस बाबत एक सरकारी बयान के मुताबिक, ‘‘गृह मंत्री शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल होंगे।”
जानकारी दें कि, एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बीते 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है और इसे अभी निलंबित अवस्था में रखा गया है।
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वहीं सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक राज्यपाल द्वारा बीते 20 फरवरी को दिए गए उस ‘अल्टीमेटम’ के बाद आयोजित की जा रही है जिसमें अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को हथियार सौंपने के लिए कहा गया है।
जानकारी दें कि, बीते सात दिनों की अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने लोगों द्वारा अतिरिक्त समय देने की मांग के मद्देनजर लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समय सीमा बीते शुक्रवारल 28 फरवरी से आगामी 6 मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है।
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गौरतलब है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है। उन्होंने साफ और सख्त होते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
बीते शुक्रवार को गृह मंत्री शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और उप-संभागों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)