बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया [स्रोत: सोशल मीडिया]
भोपाल: मध्य प्रदेश के उमरिया में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आई है, जहां कल चार जंगली हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई थी तो वहीं आज 3 हाथियों ने रात में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही 2 हाथियों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
इस घटना के बाद से वन प्रबंधन में हड़कंप की स्थित है और वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर नीचे स्तर तक के अधिकारियों का दल मौके पर पहुंच चुका है, बीमार हाथियों का उपचार किया जा रहा है। संयुक्त संचालक पीके वर्मा ने बताया है कि हाथियों को जहर दिए जाने की संभावना लग रही है। लेकिन असली वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। घटना पार्क के खितौली और पतौर कोर क्षेत्र के मध्य स्थित सलखनिया बीट के चरक वाह इलाके के जंगल की है।
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13 हाथियों के झुंड में अबतक 7 की मौत
प्रदेश के उमरिया जिले के टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने अपना रहवास बना लिया था। वर्तमान में अलग-अलग झुण्ड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं। प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है, लेकिन जंगली हाथी गाहे-बगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच ही जाते हैं।
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कीट नाशक छिड़काव किया था
अनुमान लगाया जा रहा है, कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत गांवों में धान की फसल को कीटों से बचाने के लिए किसानों ने रासायनिक दवा का छिड़काव किया था। जिससे जंगली हाथियों ने खा लिया और उनकी मौत हो गई है। वहीं अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और उनकी पहली प्राथमिकता बीमार हाथियों के उपचार की है। वन प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है, लेकिन जंगली हाथी घूमते-फिरते गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है, कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा हुआ है। जो की एक बड़ा सवाल है। अब पार्क प्रबंधन पीएम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामले की असलियत क्या हैं।