तिरुपति लड्डू विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली: तिरुपति लड्डू विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। बीते 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि SIT जांच आदेश दिए जाने के बाद आपको प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी। इस जांच के नतीजे आने तक क्या रुका नहीं जा सकता था।
वहीं कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह निर्णय लेने में सहायता करने को कहा कि क्या राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। हालांकि वहीं आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारका तिरुमाला राव ने राज्य सरकार द्वारा गठित SIT ने तिरुपति के लड्डू में पशु वसा के कथित मिलावट मामले की जांच अस्थायी रूप से रोक दी है, क्योंकि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
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इधर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को घी की आपूर्ति करने वाली तमिलनाडु स्थित डेयरी कंपनी के प्रबंध निदेशक ने बीते सप्ताह कंपनी के खिलाफ तिरुपति में दर्ज मामले के संबंध में अग्रिम जमानत के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था।अदालत की वेबसाइट के अनुसार एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर राजशेखरन ने 30 सितंबर को याचिका दायर की और इस पर आज यानी 3 अक्टूबर को सुनवाई होने की संभावना है।
जानकारी दें कि राजशेखरन ने राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वर्तमान याचिका के निपटारे तक पूर्वी तिरुपति थाने में दर्ज मामले के संबंध में उन्हें फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाए। वहीं भगवान वेंकटेश्वर के अति-समृद्ध मंदिर के संरक्षक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने बीते 25 सितंबर को एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मिलावटी घी की आपूर्ति के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
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जानकारी दें कि बीते दिनों आंध्र के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि, बीते जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू में एनिमल फैट सहित घटिया सामग्री मिली थी। वहीं गुजरात की एक निजी लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नायडू ने घी में ‘बीफ टैलो’, ‘लार्ड’ और मछली के तेल की मौजूदगी का आरोप लगाया था।
हालांकि, इसा बाबत पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि उनके शासन में ऐसा कोई भी उल्लंघन नहीं हुआ है। रेड्डी ने नायडू पर ‘भगवान के नाम पर राजनीति’ करने का भी आरोप लगाया और मुख्यमंत्री को ‘एक रोगग्रस्त और आदतन झूठा’ भी करार दिया था।