गिरिराज सिंह व राहुल गांधी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Hazratbal Dargah Row: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह विवाद पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। पूरे विवाद पर सीएम उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया के बाद यह मुद्दा और गरमा गया। जिसके बाद भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर लगातार हमला बोल रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हजरतबल दरगाह के शिलान्यास स्थल पर भीड़ द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक को क्षतिग्रस्त करने के वायरल वीडियो पर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर कहा कि मैं कांग्रेस और तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूं कि आप बिहार का कितना अपमान करेंगे, कितना गाली देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि गाली देते-देते आपने प्रधानमंत्री की मां तक से अभद्र भाषा का प्रयोग करवाया। स्टालिन को बिहार बुलाकर आपने बिहारियों को ठेस पहुंचाई है। अशोक स्तंभ सिर्फ अशोक स्तंभ नहीं है, यह भारत की आत्मा, भारत के संविधान की आत्मा, बाबासाहेब अंबेडकर की आत्मा से जुड़ा है।
राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि आपने हाइड्रोजन बम कहा लेकिन ‘बीड़ी बम’ छोड़ दिया, यानी आप बिहारियों की तुलना बीड़ी से करेंगे? उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी माफी नहीं मांगते और उमर अब्दुल्ला सरकार से अलग नहीं होते, तो आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
#WATCH | दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हजरतबल दरगाह के शिलान्यास स्थल पर राष्ट्रीय चिह्न को क्षतिग्रस्त करने वाली भीड़ के वायरल वीडियो पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर कहा, “मैं कांग्रेस और तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूं कि बिहार का कितना अपमान… pic.twitter.com/eqBdbyVjPU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2025
वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हजरतबल दरगाह विवाद और सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। महागठबंधन के लोगों ने सबसे पहले प्रधानमंत्री की मां का अपमान किया है। केरल कांग्रेस ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बिहार को ‘बीड़ी’ शब्द से नवाजा।
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आपको बता दें कि पूरे विवाद पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि पहला सवाल यह है कि क्या आधारशिला पर राष्ट्रीय प्रतीक अंकित होना चाहिए था? मैंने आज तक किसी भी धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल होते नहीं देखा। मस्जिद, दरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे धार्मिक स्थल हैं, सरकारी स्थल नहीं। वहां सरकारी प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।