पीएम नरेन्द्र मोदी व कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत को G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रण मिलने के बाद एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्ष ने इस मौके पर प्रधानमंत्री पर सवाल उठाए हैं और व्यंग्य के साथ उनकी नीतियों पर निशाना साधा है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री अपने कनाडाई समकक्ष से मिलकर उन्हें बताएंगे कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब जी7 सम्मेलन को लेकर वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
G7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रण शुक्रवार को मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। यह सम्मेलन कनाडा के कनानास्किस में साल के अंत में आयोजित होना है। भारत, भले ही G7 का हिस्सा नहीं है, लेकिन कई बार विशेष आमंत्रण पर हिस्सा लेता आया है। इस बार भी भारत की भागीदारी को लेकर कनाडा ने कहा है कि भारत आबादी और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में अहम भूमिका निभाता है, इसीलिए उसकी उपस्थिति जरूरी है।
भारत की आर्थिक स्थिति पर उठा सवाल
प्रधानमंत्री की नीति आयोग बैठक के बाद देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था घोषित करने को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया है। कुछ दिन पहले नीति आयोग के प्रमुख ने यह घोषणा की थी कि भारत अब जापान को पीछे छोड़ चुका है और तीसरे स्थान पर है। विपक्ष ने इसे नाटकीय बताया और सवाल किया कि क्या यह आंकड़ा सही है, खासकर तब जब कनाडा के प्रधानमंत्री भारत को पांचवीं अर्थव्यवस्था बता रहे हैं।
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व्यंग्य और वैश्विक मंच की राजनीति
विपक्ष के नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री को ‘स्वयं उद्घोषित विश्वगुरु’ बताते हुए कहा कि वह जब कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन में अपने समकक्ष से मिलें, तो उन्हें भारत की सही आर्थिक स्थिति भी बता दें। कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत को आपूर्ति केंद्र और बड़ी अर्थव्यवस्था मानते हुए आमंत्रित जरूर किया है, लेकिन उन्होंने भारत को अभी भी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया है। ऐसे में राजनीतिक विरोधियों को यह कहने का मौका मिल गया है कि आंकड़ों की सच्चाई खुद सरकार के सामने चुनौती बन रही है।