अमित शाह (PTI Photo)
नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र 2025 के दौरान लोकसभा और राज्यसभा ने कुल 16 महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया। यह सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और 4 अप्रैल को समाप्त हुआ। इस सत्र में एक अंतराल भी रहा, जो 13 फरवरी से 10 मार्च तक चला, ताकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के मांगों पर संसदीय समितियां रिपोर्ट तैयार कर सकें।
सत्र के पहले भाग में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 9 बैठकें हुईं, जबकि दूसरे भाग में 17 बैठकें आयोजित की गईं। इस प्रकार बजट सत्र के दौरान कुल 26 बैठकें हुईं। इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 118 प्रतिशत और राज्यसभा की 119 प्रतिशत दर्ज की गई, जो संसद के लिए एक सराहनीय उपलब्धि मानी जा रही है।
31 जनवरी को राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में 173 सदस्यों और राज्यसभा में 73 सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया के बाद दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया गया।
1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया गया। इस पर लोकसभा में 169 और राज्यसभा में 89 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। बजट पर चर्चा के बाद लोकसभा में रेलवे, जल शक्ति और कृषि मंत्रालय के लिए अनुदान मांगों पर बहस हुई और 21 मार्च को अन्य मंत्रालयों के अनुदान मांगों को सदन में मतदान के जरिए पारित किया गया।
महत्वपूर्ण विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और तकनीकी नवाचार लाने की दिशा में अहम कदम है। आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2025 के माध्यम से राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ बनाया गया है। इसमें शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की स्थापना का भी प्रावधान है।
सत्र में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025’ भी पारित किया गया, जो सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगा। आव्रजन एवं विदेशियों विधेयक 2025 के माध्यम से देश में आने-जाने वाले व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट, वीजा और पंजीकरण से जुड़े नियमों को सरल किया गया है।
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इसके अलावा बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2025 भी पारित किया गया, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक बैंकों में प्रशासन, लेखा परीक्षा की गुणवत्ता और ग्राहक सुविधा को बेहतर बनाना है। इस सत्र में लोकसभा में 10 और राज्यसभा में 1 विधेयक सहित कुल 11 विधेयक प्रस्तुत किए गए। लोकसभा ने 16 और राज्यसभा ने 14 विधेयकों को पारित/वापस किया, जिससे कुल 16 विधेयक संसद द्वारा पारित हुए।